मोह एवं अविवेक के कारण जीव दुखी- स्वामी चैतन्यानंद

भीलवाडा। श्री रामधाम रामायण मण्डल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में चल रहे चातुर्मास प्रवचन में खरगोन नर्मदा तट के स्वामी चैतन्यानन्द गिरी ने कहा कि प्रत्येक जीव की शोक निवृति सत्संग से होगी। भगवान श्री राम की आज्ञा से ही लक्ष्मणजी ने शोक निवृति का उपदेश दिया। शोक का मूल कारण अज्ञानता अविवेक है। अहंकार से वशीभूत होकर जीव आत्मा अनित्य शरीर को ही सत्य समझ करके स्वयं को करता भोगता मानता है, कर्म करने लगता है। इसी मोह व अविवेक के कारण जीव दुखी होता है इसका समाधान सत्संग है। जीव का जन्म और मृत्यु नहीं होती यह तो आकाश की तरह व्यापक है।

प्रवचन के दौरान हरे रामा हरे कृष्णा कीर्तन भी जारी रहा। ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविंद प्रसाद सोडाणी ने बताया कि राम धाम में प्रदोष पर रविवार को भगवान शिव परिवार का अभिषेक किया गया। पंडित रामू के मंत्र उच्चारण के बीच दीपक एवं महेश अग्रवाल परिवार ने अभिषेक किया। अभिषेक में बड़ी संख्या में भक्तों ने भाग लिया। श्री रामधाम रामायण मंडल ट्रस्ट के मंदिर स्थापना के ब्रह्मलीन संत प्रतीक्षानंद महाराज की पुण्यतिथि 18 से 25 सितंबर तक मनाई जाएगी। यह कार्यक्रम मंदसौर के पास गोतेश्वर महादेव कालूखेड़ा आश्रम में होगा।

स्वामी चैतन्यानंद इसमें भाग लेंगे। प्रवचन 17 सितम्बर तक रोज सुबह 9 बजे होंगे। चातुर्मास समापन पर संत श्री को हवन के साथ विदाई दी जाएगी। रोज 8:15 बजे गीता पाठ जारी है। इस रविवार साप्ताहिक रामायण पाठ लक्ष्मी नारायण मंदिर में 15 सितंबर को दोपहर 3 बजे होगा। हेमंत मानसिंहका, अभिषेक अग्रवाल, राकेश सिंहल, नवरतन पारीक, सुशील शुक्ला, पंडित पुरुषोत्तम शर्मा, घनश्याम शर्मा, शंकर लाल छिपा, सोहनलाल विश्नोई सहयोग कर रहे है।

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