घटिया क्वालिटी की 5 दवाइयों और सर्जिकल ग्लव्स की बिक्री पर रोक

राजस्थान ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने गुणवत्ता जांच के बाद 5 दवाइयों को घटिया क्वालिटी का मानते हुए उनकी बिक्री पर रोक लगा दी है। इसके साथ ही एक कंपनी के सर्जिकल ग्लव्स भी मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। जांच में सामने आया है कि सब स्टैंडर्ड पाई गई दवाइयों में एंटी एलर्जी, शुगर, ब्लड प्रेशर और एंटीबायोटिक श्रेणी की दवाइयां शामिल हैं।
ड्रग कंट्रोलर की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार हिमाचल प्रदेश के जिला सोलन स्थित मैसर्स वाई एल फार्मा लिमिटेड की विनसेट एल दवा, जो एलर्जी में उपयोग होती है, और ऑफविन 200, जो बैक्टीरियल संक्रमण में दी जाती है, जांच में घटिया पाई गई हैं। विभाग ने इन दोनों दवाइयों को सब स्टैंडर्ड घोषित करते हुए बाजार में इनके वितरण पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है।
ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने यह भी बताया कि वाई एल फार्मा की दवाइयों को लेकर पहले भी शिकायतें सामने आ चुकी हैं। अक्टूबर माह में भी कंपनी की कुछ दवाइयां जांच में सब स्टैंडर्ड या नकली पाई गई थीं, जिस पर विभाग ने कार्रवाई की थी।
इनके अलावा अन्य राज्यों की तीन और दवाइयां भी जांच में फेल हुई हैं। हिमाचल प्रदेश के धर्मपुर स्थित मैसर्स लाइफकेयर न्यूरो प्रोडक्ट्स लिमिटेड की डल्कोवॉग 0.3 एमजी दवा, जो शुगर के मरीजों को दी जाती है, मानकों के अनुरूप नहीं पाई गई। उत्तराखंड के हरिद्वार की मैसर्स मस्कॉन लाइफ साइंस प्राइवेट लिमिटेड की टेलपिन ए दवा, जो ब्लड प्रेशर के इलाज में इस्तेमाल होती है, वह भी घटिया क्वालिटी की निकली। इसी तरह काशीपुर स्थित मैसर्स एग्रोन रेमेडिज प्राइवेट लिमिटेड की सेफिक्साइम ओरल सस्पेंशन, जो बच्चों में सर्दी, फ्लू और संक्रमण के इलाज में दी जाती है, जांच में फेल पाई गई।
विभाग की रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि राजस्थान के धौलपुर स्थित मैसर्स स्वेयर हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड द्वारा बनाए जा रहे स्वेयर ब्रांड के सर्जिकल ग्लव्स भी गुणवत्ता मानकों पर खरे नहीं उतरे हैं। ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट ने सभी संबंधित कंपनियों की इन दवाइयों और उत्पादों की बिक्री और वितरण पर रोक लगाते हुए आगे की कानूनी कार्रवाई शुरू कर दी है।
