भगवान को पाने के लिए करना होगा त्याग- स्वामी चैतन्यानंद
भीलवाडा। श्री रामधाम रामायण मण्डल ट्रस्ट की ओर से हमीरगढ़ रोड स्थित रामधाम में चल रहे चातुर्मास प्रवचन में खरगोन नर्मदा तट के स्वामी चैतन्यानन्द गिरी ने कहा कि भगवान को अगर पाना है तो हमें त्याग करना होगा। शरण में आने वाला कैसा भी हो उसका त्याग नहीं करना चाहिए। भगवान श्री राम ने भी विभीषण को अपनी शरण में लिया था।
रावण को त्यागने पर उन्हें भगवान श्री राम मिले। गुरु का त्याग करने पर बली को भगवान मिले। भरत जी ने तो राम के निमित्त मां को भी त्याग दिया। सुग्रीव ने त्याग कष्ट सहन कर प्रभु को पाया। त्याग ही सुख है ऋषि मुनियों ने त्याग करके ही परम अविनाशी मोक्ष पद पाया है। ट्रस्ट के प्रवक्ता गोविन्द प्रसाद सोडानी ने बताया कि प्रवचन के दौरान श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी हे नाथ नारायण वासुदेवा कीर्तन भी जारी रहा।प्रवचन रोज सुबह 9 बजे हो रहे है।
Next Story