उद्भवन 2025— नवाचार और उद्यमिता का आयोजन

भीलवाड़ा |संगम विश्वविद्यालय, भीलवाड़ा के उद्यमिता एवं कौशल विकास केंद्र तथा संगम आई-टीबीआई के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ‘उद्भवन 2025’ का सफल आयोजन विश्वविद्यालय परिसर में किया गया। यह आयोजन नवाचार एवं उद्यमिता के क्षेत्र में कार्यरत युवाओं, निवेशकों एवं विशेषज्ञों को एक साझा मंच प्रदान करने हेतु किया गया।कार्यक्रम के पहले दिन ‘इग्नीशिया’ के अंतर्गत नव उत्पादों का शुभारंभ, उद्यमिता प्रदर्शनी, विशेष प्रशिक्षण सत्र, ‘जन मिलन’ नेटवर्किंग नाइट तथा ‘संवाद 2025’ संवाद श्रृंखला का आयोजन हुआ, जिसमें नीति-निर्माताओं एवं विशेषज्ञों ने विचार साझा किए। कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण ‘पिच बोर्ड 2025’ रहा, जिसमें चयनित स्टार्टअप्स ने प्रस्तुतियाँ दीं। निर्णायकों द्वारा नवाचार, व्यवसाय मॉडल एवं प्रस्तुति के आधार पर मूल्यांकन किया गया।
कुलपति प्रो. डॉ. करूणेश सक्सेना ने युवाओं को बताया की आज का युग नवाचार, तकनीक और उद्यमशीलता के परस्पर मिलन का है। ऐसे आयोजन विद्यार्थियों को विचारशीलता, नेतृत्व और आत्मनिर्भरता की ओर प्रेरित करते हैं। प्रो-वाइस चांसलर प्रो. मानस रंजन पाणिग्रही ने उद्घाटन सत्र में कहा कि संगम विश्वविद्यालय का प्रयास है कि हमारे छात्र नौकरी चाहने वाले नहीं, बल्कि नौकरी देने वाले बनें।कार्यक्रम संयोजक डॉ. मनोज कुमावत ने बताया कि ‘उद्भवन 2025’ भीलवाड़ा को नवाचार के मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में एक प्रभावी प्रयास है। संगम आई-टीबीआई के सीईओ श्री राजस्व कौशिक ने सभी स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करते हुए उन्हें बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार नवाचार करने का आह्वान किया।
निर्णायक मंडल में श्री ऋत्विक जोशी, श्री राकेश आगाल, डॉ. एस. एस. लाखावत, एवं डॉ. राजकुमार सोमानी सम्मिलित रहे।मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सी. एस. यादव, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, भारत सरकार ने सहभागिता एवं नवाचार की महत्ता पर प्रकाश डाला। इसके अतिरिक्त, एबीइएस इंजीनियरिंग कॉलेज, गाज़ियाबाद से श्री महेन्द्र गुप्ता ने "उद्भवन केन्द्रो की प्रतिपालित" विषय पर एक विशेष सत्र भी ऑनलाइन माध्यम से लिया, जो प्रतिभागियों के लिए अत्यंत लाभकारी रहा।
कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रतिभागियों ने विभिन्न विषयों पर संवाद स्थापित किया तथा चयनित प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह प्रदान किए गए।कार्यक्रम संयोजन में अनन्या बाबेल, निकिता राठौड़, निशांत पारीक तथा विद्यार्थी समन्वयकों की महत्ती भूमिका रही।