जोनल प्लान के विरोध में ग्रामीणों का कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन, यूआईटी पर दी धरने की चेतावनी
भीलवाड़ा । नगर विकास न्यास द्वारा मास्टर प्लान की अवहेलना कर जारी किए जोनल प्लान ई-2 के विरोध में आठ गांवों के ग्रामीण सड़क पर उतर आए। आज पालड़ी, गोविन्दपुरा, इन्द्रपुरा, तेलीखेड़ा, देवखेड़ी, तस्वारिया सांगानेर के ग्रामीणों ने कलेट्रेट पर प्रदर्शन किया। पालड़ी के पूर्व सरपंच देवेंद्र सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों ने प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर जोनल प्लान ई-2 को वापस लेने की मांग की। पांच दिन में जोनल प्लान कैंसल नहीं हुआ तो 5 हजार ग्रामीणों के साथ यूआईटी पर धरने की चेतावनी भी दी।
पूर्व सरपंच सिंह ने बताया कि यूआईटी ने मास्टरप्लान 2035 की अवहेलना कर एक जुलाई को जारी किए जोनल प्लान ई-2 में कई खामियां हैं। इस प्लान में तेरह से भी अधिक राजस्व ग्राम पालड़ी, गोविन्दपुरा, इन्द्रपुरा, तेलीखेड़ा, देवखेड़ी, तस्वारिया, आरजिया, जाटों का खेड़ा, केशरपुरा, सोलबिघा, आकोला, सांगानेर, कीरखेड़ा इत्यादि आते हैं। यूआईटी ने 200 फीट रोड को हटाकर 1200 फीट बना दिया। इस रोड को वहां तक ले गए, जहां तक किसानों की जमीनें थी। इंद्रपुरा, तेलीखेड़ा, गोविंदपुरा व पालड़ी की जमीनें रोड में जा रही है। जहां सरकारी जमीनें आई, वहां रोड को 200 फीट कर दिया। ये तर्कसंगत नहीं है। यूआईटी ने 2013 में बहुउद्देशीय योजना बनाई थी। इसमें मिनी सचिवालय और हाईटेक सिटी बनना था, पर बहुउद्देशीय योजना को ही कैंसल कर दिया।
आरजिया, तस्वारिया जैसे आठ राजस्व गांवों की लगभग 15 हजार बीघा जमीनों को नर्सरी और पार्क में कन्वर्ट कर दिया। यूआईटी बताए कि इतनी जमीन नर्सरी और उद्यान के लिए क्यों जरूरी है? हाईवे के पास यूआईटी की जमीन नहीं है, उसमें इन्होंने हाईवे कोरिडोर दर्शा दिया। पूर्व सरपंच सिंह सहित ग्रामीणों ने मांग की कि जोनल प्लान ई-2 को निरस्त करें और पूर्व का प्लान ही इंप्लीमेंट हो। बहुद्देश्यीय योजना रहे। सिंह ने चेतावनी दी कि आज हमने सिर्फ ज्ञापन दिया है। पांच-दिन में जोनल प्लान ई-2 कैंसल नहीं हुआ तो हम पांच हजार ग्रामीण यूआईटी के बाहर धरना देंगे। इसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
