फैक्ट्रियों द्वारा केमिकलयुक्त पानी छोड़े जाने पर ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन कर जताया विरोध, सौंपा ज्ञापन
भीलवाड़ा (सम्पत माली)। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में फैक्ट्रियों द्वारा अवैधानिक तरीके से केमिकलयुक्त काला पानी छोड़ने और बनास नदी को दूषित करने के विरोध में आज बड़ी संख्या में ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। इसके पश्चात ग्रामीणों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री और राजस्थान प्रदूषण नियंत्रण मंडल, जयपुर के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि कीरों की झोपड़ियां और गुवारडी क्षेत्र से गुजरने वाले नालों में रात के समय फैक्ट्रियों द्वारा लगातार प्रदूषित बदबूदार केमिकलयुक्त पानी छोड़ा जा रहा है, जिससे बनास नदी का जल स्तर गंभीर रूप से प्रदूषित हो गया है। ज्ञापन में बताया गया कि इस जहरीले पानी से क्षेत्र की खेती बर्बाद हो रही है, कुओं का पानी पीने लायक नहीं रहा और पशुओं की अकाल मृत्यु के मामले भी सामने आ चुके हैं।
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि बनास नदी को मेवाड़ की गंगा कहा जाता है और यह आसपास के लगभग 50 गांवों के लिए जीवनदायिनी है। हमीरगढ़ और मंगरोप तहसील के सैकड़ों ग्रामीणों की पीने के पानी, खेती और पशुपालन की निर्भरता इसी नदी पर है।
ग्रामीणों ने बताया कि जब उन्होंने "सोना सलेक्शन" नामक फैक्ट्री में जाकर शिकायत की तो फैक्ट्री प्रबंधन ने उन्हें खुलेआम धमकाया और कहा कि "जहां चाहें शिकायत कर लो, हम तो पानी यहीं छोड़ेंगे। हमारे सेठ की ऊपर तक पहुंच है।" ग्रामीणों का यह भी कहना है कि प्रबंधन द्वारा उन्हें झूठे मुकदमों में फंसाने और मारपीट की धमकियां दी जाती हैं।
ग्रामीणों ने यह भी आरोप लगाया कि फैक्ट्री मालिकों ने नदी में केमिकलयुक्त पानी छोड़ने के लिए भूमिगत पाइपलाइनें बिछा रखी हैं, जिससे न केवल जलस्रोत, बल्कि फसलें और लोगों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो रहा है। नदी में केमिकलयुक्त पानी छोड़ने से चर्मरोग, कैंसर और अस्थमा जैसी गंभीर बीमारियां फैल रही हैं। इसके अलावा सोना सलेक्शन फैक्ट्री की चिमनी से उड़ने वाली कोयले की राख के कारण भी फसलें नष्ट हो रही हैं और प्रदूषण बढ़ रहा है।
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से मांग की कि ऐसी सभी फैक्ट्रियों को तत्काल बंद किया जाए जो बनास नदी को प्रदूषित कर रही हैं। साथ ही एक जांच समिति गठित कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
