मनुष्य जन्म मोक्ष में जाने का पासपोर्ट पर संयम रूपी वीजा जरूरी-महाप्रज्ञाजी म.सा.

मनुष्य जन्म मोक्ष में जाने का पासपोर्ट पर संयम रूपी वीजा जरूरी-महाप्रज्ञाजी म.सा.
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भीलवाड़ा। संयमी आत्मा के सानिध्य में जो आता है उसका भी कल्याण हो जाता है। जो अपनी आत्मा व इन्द्रियों को जीत लेता है वह संसार को जीत सकता है। संयम होने पर जीवन में आनंद होता है। संयमी आत्मा को समभाव में रहना चाहिए। जो समता व समभाव से सहा जाए उसे परिषह कहा जाता है। ये दो प्रकार का प्रतिकूल व अनुकूल होता है। परिषद से घबराने की बजाय उसका मुकाबला करना चाहिए। ये विचार श्रमण संघीय जैन दिवाकरीय मालव सिंहनी पूज्या कमलावती म.सा. की सुशिष्या अनुष्ठान आराधिका ज्योतिष चन्द्रिका महासाध्वी डॉ. कुमुदलताजी म.सा. के सानिध्य में स्वर साम्राज्ञी डॉ. महाप्रज्ञाजी म.सा. ने आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति द्वारा सुभाषनगर संघ के तत्वावधान में दिवाकर कमला दरबार में रविवार को भगवान महावीर गाथा का वाचन करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने उत्तराध्ययन सूत्र के विभिन्न अध्यायों की व्याख्या करते हुए कहा कि तीर्थंकर भगवान को उपसर्ग, साधु साध्वी को परिषह एवं गृहस्थ को संकट व कष्ट आते है। चार बाते मिलना दुर्लभ है मनुष्य जन्म,श्रद्धा, सद्धर्म श्रवण एवं संयम में पुरूषार्थ। मनुष्य जन्म मोक्ष में जाने का पासपोर्ट है ओर इसके लिए संयम रूपी वीजा लेना पड़ता हैै। उन्हांेंने भजनों से भरपुर प्रस्तुति में कहा कि मनुष्य में मानवता का गुण होने पर ही उसकी सार्थकता है। मानव शरीर धर्म की आराधना के लिए मिला है। जिनवाणी सुनकर उसे अपने ह्दय में भी उतारना है। आत्मा को परमात्मा बनाना है तो विषय विकारों व कषायों से मुक्त होना पड़ेगा। साध्वी महाप्रज्ञा म.सा. ने कहा कि धर्म की साधना हमे दुर्गति से बचा पाप,ताप ओर संताप मिटाते हुए सिद्ध गति की ओर ले जाता है। शरीर के लिए भोजन ओर आत्मा के लिए धर्म जरूरी है। संसार असार ओर संयम ही जीवन का सार है। शरीर नाशवान ओर आत्मा अजर अमर अविनाशी है। धर्मसभा में विद्याभिलाषी राजकीर्तिजी म.सा. ने भगवान महावीर स्वामी की अंतिम देशना उत्तराध्ययन सूत्र के मूल पाठ का वाचन किया। साध्वी मण्डल ने दिवाकर चालीसा का पाठ भी कराया। वास्तुशिल्पी पद्मकीर्तिजी म.सा. का भी सानिध्य प्राप्त हुआ। धर्मसभा में चैन्नई जसनगर से आए नरेन्द्र कांकरिया मौजूद थे। विभिन्न स्थानों से पधारे अतिथियों का स्वागत आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति एवं सुभाषनगर संघ द्वारा किया गया। संचालन चातुर्मास समिति के सचिव राजेन्द्र सुराना ने किया।

*सजोड़ा श्री घंटाकर्ण महावीर अनुष्ठान के लिए पंजीयन 16 अक्टूबर तक*

महासाध्वी मण्डल के सानिध्य में 19 अक्टूबर को धन तेरस पर सजोड़ा श्री घंटाकर्ण महावीर अनुष्ठान का आयोजन होगा। इसे लेकर श्रावक श्राविकाओं में उत्साह का वातावरण है। आध्यात्मिक चातुर्मास आयोजन समिति भीलवाड़ा द्वारा श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक समिति सुभाषनगर के तत्वावधान में तथा राष्ट्रीय महामंगलकारी अनुष्ठान समिति के प्रायोजन में होने वाला यह अनुष्ठान सुबह 8.15 से 10.30 बजे तक आरसी व्यास कॉलोनी में गेट न.33 के पास स्कूल के नजदीक ग्राउण्ड में होगा। इसमें शामिल होने के इच्छुक श्रावक-श्राविकाओं को 16 अक्टूबर तक पंजीयन कराना होगा। अब तक सैकड़ो श्रावक श्राविका पंजीयन करा चुके है। पंजीयन कूपन चातुर्मास समिति द्वारा सुभाषनगर स्थानक में प्रदान किए जा रहे है।

*ज्ञान पंचमी पर सरस्वती अनुष्ठान एवं आगम यात्रा 26 अक्टूबर को*

चातुर्मासिक आयोजनों के तहत 26 अक्टूबर को ज्ञान पंचमी पर सरस्वती अनुष्ठान होगा। इससे पूर्व सुबह सुभाषनगर स्थानक से कार्यक्रम स्थल तक वरघोड़ा के साथ भव्य आगम यात्रा भी निकाली जाएगी। हर शुक्रवार को होने वाली पद्मावति एकासन आराधना का उद्यापन 31 अक्टूबर को होगा। भगवान महावीर निर्वाण कल्याणक महोत्सव 21 अक्टूबर को मनाया जाएगा एवं जैन नववर्ष गौतम प्रतिपदा पर 22 अक्टूबर सुबह उत्तराध्ययन सूत्र के 36वें अध्याय का वाचन एवं गौतम रास होगा। इसके बाद गौतम लब्धि खीर का प्रसाद वितरित किया जाएगा।

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