फुकीया बांध में आई चंद्रभागा नदी की जलराशि, ग्रामीणों ने की पूजा-अर्चना

पोटलां। उपतहसील में स्थित फुकीया बांध में मंगलवार को चंद्रभागा नदी का पानी समाहित हो गया। ढोल-नगाड़ों की थाप के साथ फुंकीया, झौर, नेगड़िया खेड़ा, गोवलिया और आसपास के गांवों के सैकड़ों महिला-पुरुष पूजा सामग्री लेकर बांध पर पहुंचे। जलराशि की विधिवत पूजा-अर्चना की गई और जयकारों से पूरा बांध क्षेत्र गूंज उठा।
यह कच्चा बांध लगभग 7 किमी की परिधि में फैला है। सिंचाई विभाग और प्रशासन द्वारा लंबे समय से पाल की मरम्मत नहीं होने के कारण चूहों और अन्य जानवरों ने पाल में कई जगह बड़े बिल बना रखे हैं। इसके बावजूद लगभग 18 साल बाद जलराशि आने पर ग्रामीणों में उत्साह देखने को मिला, लेकिन साथ ही उन्हें बांध फूटने का डर भी सताने लगा।
ग्रामीणों ने जिला जनप्रतिनिधियों से पाल पर मिट्टी डालकर उसकी मरम्मत करने की मांग की है, ताकि पानी का रिसाव रोका जा सके। जलराशि के आगमन के बाद बांध स्थल पर ग्रामीणों का मजमा लगातार बना हुआ है। महिला-पुरुषों ने खजुरिया श्याम, नीलकंठ महादेव आदि की जयकारे लगाई और देवी-देवताओं के भजन गाए।
ग्रामीणों ने प्रशासन से जल आवक को देखते हुए बांध की पाल की मरम्मत और मिट्टी डालने की भी मांग की है, ताकि बांध सुरक्षित रहे और भविष्य में किसी नुकसान की संभावना कम हो।
