विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार कर स्वदेशी वस्तुओं का अधिक उपयोग करना होगा: माली

भीलवाड़ा । जिला यूनेस्को एसोसिएशन के तत्वाधान में व जवाहर फाउंडेशन के सहयोग से ‘‘प्लास्टिक छोड़ो प्रकृति से नाता जोड़ो’’ अभियान के तहत शहर के उपनगर पुर स्थित घाटी के हनुमानजी मंदिर परिसर में आयोजित कॅरियर गाईडैन्स शिविर में प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया गया। वहीं उपस्थित सभी विद्यार्थियों को कपड़े के बैग भी वितरण किए गए।
स्टेट फेडरेशन ऑफ यूनेस्को एसोसिएशन इन राजस्थान के प्रदेश संयोजक गोपाल लाल माली ने कहा कि दो दिनों बाद भारत वर्ष का सबसे बड़ा व लोकप्रिय त्योहार आ रहा है। इस त्योहार पर सभी विद्यार्थियों से आव्हान करते हुए कहा कि हमें विदेशों वस्तुओं का बहिष्कार कर लोकल वस्तुओं का अधिक उपयोग करना होगा। इससे व्यवसाय व रोजगार तो बढ़ेगा ही साथ ही देश को आत्मनिर्भर होने में भी सहयोग मिलेगा। स्थानीय व स्वदेशी वस्तुओं को बढ़ावा देने से कई बीमारियों से मुक्ति मिलेगी वहीं गांव, गरीब और किसान भी समृद्ध होगा। तभी देश आत्मनिर्भर बनेगा। उन्होंने यह भी कहा कि आप सब जानते हैं कि प्लास्टिक कई तरह से मानव शरीर के लिए नुकसानदाय है। प्लास्टिक के निर्माण में उपयोग किए जाने वाले रसायन शरीर के लिए विषाक्त और हानिकारक है। इसलिए हमें अपने जीवन में प्लास्टिक का उपयोग न करके कपड़े के बैग इस्तेमाल करने चाहिए।
माली सैनी कर्मचारी संस्था के अध्यक्ष तोताराम माली ने भी उपस्थित विद्यार्थियों को प्लास्टिक के दुष्प्रभाव के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि आप अपने परिवार व आसपास के सभी दोस्तों को भी प्लास्टिक छोड़ने के लिए प्रेरित करें।
जिला यूनेस्को एसोसिएशन के सचिव जगदीश चन्द्र मून्दड़ा ने बताया कि यूनेस्को द्वारा ‘‘प्लास्टिक छोड़ो आंदोलन’’ लगातार चलाया जा रहा है व शहर के अलग-अलग क्षेत्र में बड़े स्तर पर कपड़े के बैग वितरण किए जा रहे हेै।
कार्यक्रम में जिला यूनेस्को एसोसिएशन के अध्यक्ष ललित अग्रवाल, कार्यकारी अध्यक्ष दिनेश जैन, पिंटु माली, जीतु विश्नोई, माधुरी जाड़ोल, शंकर गोयल, पवन शर्मा, बालू माली, मण्डल अध्यक्ष मुकेश सोनी, रोशन गढ़वाल सहित कई सैकड़ों छात्र-छात्राएं तथा यूनेस्को के सदस्य उपस्थित थे।
