महिलाएं घरों में कर रही है रांदा पोआ, शीतला माता की पूजा के बाद कल खेला जाएगा रंग

भीलवाड़ा। जिलेभर में शुक्रवार को शीतला अष्टमी का पर्व परंपरागत रूप से हर्षोल्लास के साथ मनाया जाएगा। शहर में जमकर रंग-गुलाल खेला जाएगा। कई जगह फूलों से होली खेली जाएगी। शीतला सप्तमी से एक दिन पहले रात में गुलमंडी, सर्राफा बाजार में मनोरंजन के लिए जागरण होगा, जिसमें हंसी- ठिठोली होगी। शुक्रवार को दोपहर बाद चित्तौड़ वालों की हवेली से मुर्दे की सवारी भी निकाली जाएगी। सवारी प्रमुख मार्गो से होते हुए बड़े मंदिर पहुंचेगी जहां मुर्दा बना व्यक्ति भाग जाएगा। मुर्दे की सवारी में शामिल लोग हंसी ठिठोली करते हुए चलेंगे और मुर्दे को भला-बुरा कहेंगे। इससे पूर्व शुक्रवार को महिलाएं सुबह माता को शीतल व्यंजनों का भोग अर्पण करेगी। इसके बाद घर के सभी सदस्य ठंडा भोजन ग्रहण करेंगे। इसके लिए महिलाओं ने तैयारियां शुरू कर दी है। आज महिलाएं रांदा पोआ में जुट हुई है। महिलाएं माता के माता के भोग के लिए विविध व्यंजन बना रही है। इसके चलते घर घर पकवानों की खुशबू से महक रहे हैं। माता के भोग के लिए चांवल, हलवा, राबड़ी, घाट, गुंजिया, शकरपारा, पूड़ी, पापड़ी, पोए व पकौड़ी आदि व्यंजन बना रही है । ठंडे पकवानों का भोग राबड़ी व दही के साथ शुक्रवार को बास्योड़ा पर शीतला माता के लगाया जाएगा। इसके बाद ही भगवान ठंडे पकवानों का प्रसाद ग्रहण करेंगे। शीतला माता के प्रति श्रद्धा भाव रखते हुए एवं मां की कृपा व आशीर्वाद प्राप्ति के लिए ग्रामीण शीतलाष्टमी पर्व पर ठंडा भोजन ही ग्रहण करेंगे। उधर, पुराने भीलवाड़ा स्थित शीतला माता के मंदिर को रंग रोगन करके व रंगीन लाइटों से सजाया गया है। यहां मध्य रात्रि के बाद से ही महिलाएं पूजा करने आने शुरू होती है जो कल सुबह 10 बजे तक करेगी।
मुर्दे की सवारी निकाल करेंगे अंतिम संस्कार भीलवाड़ा में 422 वर्ष से अनवरत निकल रही मुर्दे की सवारी इस बार भी शुक्रवार दोपहर बाद चित्तौड़ वालों की हवेली से तीन बजे करीब कड़ी सुरक्षा के बीच निकलेगी। गुरुवार को पूर्व संध्या पर सर्राफा बाजार में दो स्थानों पर तथा बड़े मंदिर के पीछे बाहले में भैरवनाथ की स्थापना की जाएगी। भैरवनाथ के स्थानों पर धूप अगरबत्ती, ढोल झालर बजाकर तथा गीत गाकर रात्रि जागरण का आयोजन किया जाएगा। भैरवनाथ का भाव भी आएगा। भोपाजी का पाट अंतर्राष्ट्रीय कलाकार पदम् श्री जानकीलाल भांड निर्वहन करेंगे। शुक्रवार सुबह पुराने भीलवाड़ा के लोग चित्तौड़ वालों की हवेली पहुंचेंगे। दो घंटे तक होली खेलने के बाद एक व्यक्ति को मुर्दा बनाकर अंतिम यात्रा की शैय्या पर लेटाकर ऊंट, ढोल नगाड़ों के साथ अंतिम यात्रा-डोल निकाला जाएगा।
यात्रा जूलूस के रुप में बड़े मंदिर पहुंचेगी। यहां सांकेतिक रूप से मुर्दे का बाहले में अंतिम संस्कार किया जाएगा।
सुरक्षा व्यवस्था रहेगी मजबूत शीतला अष्ठमी पर कोई अप्रिय वारदात ना हो इसके लिए सुरक्षा व्यवस्था
मजबूत रहेगी। शीतला अष्टमी व रमजान के जु्म्मे की नमाज एक ही दिन होने और दोपहर के समय मुर्दे
की सवारी निकलने के चलते सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस चप्पे-चप्पे पर तैनात रहेगी। अतिरिक्त जिला पुलिस अधीक्षक पारस जैन ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए बाहर से आरएसी की चार
क्पनियों को बुलाया गया है। एएसपी जैन ने दोनो ही समुदायों के लोगों से शांति पूर्वक भाईचारे के साथ त्यौहार
मनाने की अपील की है।