निर्यात प्रोत्साहन और डाक्यूमेंटेशन पर कार्यशाला आयोजित, उद्यमियों को मिला व्यवहारिक प्रशिक्षण

निर्यात प्रोत्साहन और डाक्यूमेंटेशन पर कार्यशाला आयोजित, उद्यमियों को मिला व्यवहारिक प्रशिक्षण
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भीलवाड़ा

उद्योग विभाग, राजस्थान निर्यात संवर्धन परिषद और मेवाड़ चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के संयुक्त तत्वावधान में सोमवार को मेवाड़ चैंबर भवन स्थित एलएनजे कॉन्फ्रेंस हॉल में राजस्थान निर्यात संवर्धन नीति 2024 और निर्यात पुरस्कार विषयक एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित की गई।

कार्यक्रम में राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, जयपुर के विशेषज्ञ राजकुमार वैष्णव ने निर्यात संवर्धन नीति 2024 के प्रमुख प्रावधानों, निर्यात दस्तावेज़ीकरण, अंतरराष्ट्रीय बाजार की संभावनाओं, भुगतान सुरक्षा, ऑनलाइन निर्यात प्रक्रिया, लॉजिस्टिक सहयोग और सरकारी प्रोत्साहन योजनाओं पर विस्तृत प्रशिक्षण दिया।

संयुक्त आयुक्त एवं महाप्रबंधक, उद्योग विभाग भीलवाड़ा के.के. मीना ने जिले में लागू वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट नीति 2024 के लाभों और उद्देश्यों की जानकारी देते हुए बताया कि भीलवाड़ा का टेक्सटाइल प्रोडक्ट ओडीओपी में चयनित होने से एमएसएमई उद्यमियों को ब्रांड वैल्यू बढ़ाने और वैश्विक बाजार तक पहुँच बनाने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने बताया कि ओडीओपी योजनांतर्गत नए सूक्ष्म उद्योगों को 25 प्रतिशत (अधिकतम 15 लाख रुपये) और लघु उद्योगों को 15 प्रतिशत (अधिकतम 20 लाख रुपये) तक मार्जिन मनी अनुदान उपलब्ध है। महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, दिव्यांग और युवा उद्यमियों को अतिरिक्त 5 लाख रुपये का प्रोत्साहन दिया जाएगा।

राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय मेलों में भागीदारी पर 75 प्रतिशत स्टॉल शुल्क (अधिकतम 2 लाख रुपये), यात्रा सहायता, गुणवत्ता प्रमाणन जैसे BIS, ISO, ZED, FSSAI एवं IPR के लिए 75 प्रतिशत खर्च प्रतिपूर्ति (अधिकतम 5 लाख रुपये), तकनीकी उन्नयन तथा सॉफ्टवेयर पर 50 प्रतिशत (अधिकतम 5 लाख रुपये) का अनुदान भी प्रदान किया जा रहा है।




राजकुमार वैष्णव ने बताया कि निर्यात संवर्धन नीति 2024 के अंतर्गत निर्यात परीक्षण, गुणवत्ता प्रमाणीकरण पर 50 प्रतिशत या 5 लाख रुपये तक सहायता, उत्पाद परीक्षण पर 75 प्रतिशत या 3 लाख रुपये तक खर्च सहायता, ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म शुल्क पर 75 प्रतिशत प्रतिपूर्ति, निर्यात क्रेडिट बीमा शुल्क पर 50 प्रतिशत सहायता तथा मालभाड़ा/लॉजिस्टिक्स पर 25 प्रतिशत या 25 लाख रुपये तक प्रतिपूर्ति का प्रावधान है।

उन्होंने कहा कि वर्ष 2029 तक राजस्थान का निर्यात 1.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुँचाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, जिसके लिए उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु सक्षम बनाने पर जोर दिया जा रहा है।

कार्यक्रम में मेवाड़ चैंबर के वरिष्ठ सदस्य एन.के. जैन, रीको एआरएम निशांत कुमावत, टेक्सटाइल उद्यमी सीए हरीश काकानी, अमित सिंह सहित एमएसएमई क्षेत्र से जुड़े कई उद्यमी उपस्थित रहे।


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