जैन मंदिरों में उत्तम तप धर्म की आराधना की
भीलवाड़ा । दस लक्षण पर्व के सातवें दिन आज भीलवाडा 17 दिगम्बर जैन मंदिरों में उत्तम तप धर्म की आराधना की गई। आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर, आर के कॉलोनी मंे पण्डित आलोक मोदी ने बताया कि इच्छाओं का निरोध करना एवं आत्म स्वरूप में लीनता लाना ही तप है। तप के साथ लगा उत्तम शब्द सम्यक दर्शन का प्रतीक है। जिनागम के अनुसार बिना सम्यक दर्शन के करोड़ों वर्ष तक किया गया तप भी बोधि लाभ या मोक्ष को प्राप्त नहीं करवा सकता है।
तरणताल के सामने स्थित श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर में आज प्रातः एन सी जैन, अभिषेक ठोलिया ने स्वर्ण मुकुट धारण कर प्रथम अभिषेक एवं 108 रिद्धी मंत्रों से अभिषेक किया। श्री आदिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेश गोधा ने बताया ठोलिया परिवार ने आदिनाथ भगवान की स्वर्ण झारी से शांतिधारा की। वहीं महेन्द्र, विपिन सेठी ने शांतिनाथ भगवान के श्री मस्तक पर शांतिधारा की। रतनलाल कोठारी, विमल पाटनी, भंवर लाल विनायका, अक्षय पाटनी, ओम चंद रिखबचंद, सनत कुमार अजमेरा, कैलाश सोनी, राकेश पहाडिया, राजकुमार अजमेरा ने अन्य प्रतिमाओं पर शांतिधारा की। अभिषेक के पश्चात् संगीतमय पूजन में दशलक्षण धर्म के साथ उत्तम तप धर्म की आराधना पंडित आलोक मोदी के निर्देशन में की गई। डॉ सुनील जैन, प्रेम देवी गोधा, धनलता कोठारी ने भक्तामर आरती का पुण्यार्जन प्राप्त किया।