योग निद्रा: मन और शरीर को गहरी शांति प्रदान करने का अचूक उपाय - हरनी महादेव आश्रम में विशेष सत्र

भीलवाड़ा । श्री केशव स्मृति सेवा प्रन्यास एवं श्री काशीपुरी वकील कॉलोनी माहेश्वरी क्षेत्रीय सभा के संयुक्त तत्वावधान में श्री सत्यानंद वेद एवं योग विज्ञान संस्थान के हरनी महादेव में संचालित आश्रम में नियमित योग क्लासेस जारी है। शनिवार को योग क्लासेज में श्री केशव स्मृति सेवा प्रन्यास के कोषाध्यक्ष गोविंद प्रसाद सोडाणी ने योग निद्रा के आध्यात्मिक, मानसिक और शारीरिक लाभों पर विस्तार से प्रकाश डाला, जिससे उपस्थित साधक गहराई से लाभान्वित हुए। सोडाणी ने योग निद्रा को एक शक्तिशाली अभ्यास बताते हुए कहा कि यह दिखने में भले ही साधारण लगे, लेकिन यह मन और शरीर को गहरी विश्राम अवस्था में ले जाने की अद्भुत क्षमता रखती है। उन्होंने बताया कि "योग निद्रा" दो संस्कृत शब्दों - "योग" जिसका अर्थ है जुड़ना या एकाग्रता, और "निद्रा" जिसका अर्थ है नींद - से मिलकर बना है। हालांकि, यह सामान्य नींद से अलग है क्योंकि इसमें साधक जागृत अवस्था और निद्रा अवस्था के बीच की एक विशेष स्थिति में रहता है, जिसे अर्ध-चेतन अवस्था भी कहा जा सकता है। सोडाणी ने योग निद्रा के मानसिक फायदों पर जोर देते हुए कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव, चिंता और नकारात्मक विचार आम हो गए हैं। योग निद्रा इन मानसिक उथल-पुथल को शांत करने में अत्यंत प्रभावी है। नियमित अभ्यास से मन शांत होता है, एकाग्रता बढ़ती है और भावनात्मक स्थिरता प्राप्त होती है। यह अभ्यास मस्तिष्क की तरंगों को धीमा करता है, जिससे शांति और सुकून का अनुभव होता है। उन्होंने यह भी बताया कि योग निद्रा अवचेतन मन में दबी हुई नकारात्मक भावनाओं और विचारों को बाहर निकालने में सहायक हो सकती है, जिससे मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। शारीरिक लाभों की चर्चा करते हुए सोडाणी ने बताया कि योग निद्रा शरीर को गहरी विश्राम अवस्था में ले जाती है, जिससे मांसपेशियों का तनाव कम होता है और रक्तचाप सामान्य होता है। यह पाचन क्रिया को सुधारने, प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने और शरीर की प्राकृतिक उपचार प्रक्रियाओं को बढ़ावा देने में भी मदद करती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अनिद्रा से पीड़ित लोगों के लिए योग निद्रा एक वरदान साबित हो सकती है, क्योंकि यह बिना किसी दवा के गहरी और आरामदायक नींद लाने में सहायक है। सोडाणी ने आंतरिक सजगता के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि योग निद्रा हमें अपने भीतर की आवाज सुनने और अपनी शारीरिक व मानसिक अवस्था के प्रति अधिक जागरूक होने का अवसर प्रदान करती है। यह हमें अपनी अंतर्निहित शक्ति और क्षमताओं को पहचानने में मदद करती है, जिससे हम रोगों पर विजय प्राप्त कर सकते हैं और एक स्वस्थ एवं संतुलित जीवन जी सकते हैं। उन्होंने सभी साधकों से आग्रह किया कि वे इस महत्वपूर्ण अभ्यास को अपनी दैनिक या साप्ताहिक दिनचर्या में अवश्य शामिल करें।
इस विशेष योग सत्र में योगाचार्य उमाशंकर भाई ने 'हरिओम तत्सत' के पवित्र उच्चारण के साथ योग निद्रा की प्रक्रिया का मार्गदर्शन किया। उन्होंने प्रतिभागियों को आरामदायक स्थिति में लेटने और अपने शरीर के प्रत्येक भाग पर अपनी चेतना को केंद्रित करने के लिए निर्देशित किया। उनकी शांत और प्रभावी आवाज ने सभी को गहरी विश्राम की अवस्था में पहुंचाया। सत्र के अंत में प्रतिभागियों ने शांति और ताजगी का अनुभव किया। हरनी महादेव आश्रम में चल रही इन नियमित योग कक्षाओं में स्थानीय लोगों की सक्रिय भागीदारी यह दर्शाती है कि वे योग के महत्व को समझ रहे हैं और एक स्वस्थ जीवन शैली की ओर अग्रसर हैं। संस्थान द्वारा इस प्रकार के ज्ञानवर्धक सत्रों का आयोजन निश्चित रूप से समुदाय के शारीरिक और मानसिक कल्याण में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है। शिविर में सुरेश अजमेरा, अनिल काबरा, अंजू भंडारी, अशोक काबरा सहयोग कर रहे हैं।