तिरंगे तू लहराता चल, दुश्मन की छाती दहलाता चल’

तिरंगे तू लहराता चल, दुश्मन की छाती दहलाता चल’
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भीलवाड़ा। जिला साहित्यकार परिषद् द्वारा काव्य गोष्ठी स्थानीय सिन्धुनगर स्थित हेमू कालानी विद्यालय परिसर में आयोजित की गई। गोष्ठी में विभिन्न विषयों पर सप्तरंगी हृदय स्पर्शी सशक्त रचनाएं प्रस्तुत की गई जिसमें पितृ दिवस, विमान हादसे, आॅपरेशन सिन्दूर के अलावा अन्य अनेक विषयों पर रचनायें प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता दयाराम मेठानी ने की तथा संचालन जयप्रकाश भाटिया ने किया।

काव्य गोष्ठी सरस्वती वंदना से आरंभ हुई। गोष्ठी में कई कवियों की रचनाओं पर हाल ही में हुए पितृदिवस, भारत पाक युद्ध व पति की हत्या और बेवफाई का प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष प्रभाव भी स्पष्ट दिखाई दिया। दिव्या ओबेराय ने वीरता का शंख फूंकते हुए कहा ‘‘तिरंगे तू शान से लहराता चल, दुश्मन की छाती दहलाता चल’’, जयप्रकाश भाटिया ने पितृ दिवस की बात करते हुए कहा ‘‘उस घर पर ईश्वर का सरमाया होता है, जिस घर पर पिता का साया होता है’’, श्रीमती प्रेम सोनी ने विमान हादसे पर रचना प्रस्तुत करते कहा ‘‘जो थे नभ को छूने घर से निकले, सबको दुर्भाग्य से काल के गाल ने निगले’’, बंशीलाल पारस ने पर्यावरण की बात करते कहा ‘‘पेड़ सब कट जायेंगे तो पंछी घोसला कहाँ बनायेंगे’’, अपेक्षा व्यास ने ‘‘वफा ये हमारी अब ना होगी कम, सनम चाहे करले कितने सितम’’, दयाराम मेठानी ने ‘‘मिट जायें वतन के वास्ते तो पावन है ज़िन्दगी’’ सुनाकर वाहवाही बटोरी।

गोष्ठी में बृजसुंदर सोनी, शिखा बाहेती, अभिलाषा जोशी, ओम उज्जवल, रतनकुमार चटुल, राजेश मितल, योगेन्द्र कुमार सक्सेना, श्याम सुन्दर तिवारी, राम बिलास नागर, मनोहरलाल कुमावत, गोपाल शर्मा, नरेन्द्र वर्मा एवं देवीलाल दुलारा ने अपनी रचना प्रस्तुत कर तालियां बटोरी।

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