"जोनल डवलपमेंट प्लान E-2 सिर्फ ड्राफ्ट है, जनता के अधिकार सुरक्षित रहेंगे": आईएएस ललित गोयल

जोनल डवलपमेंट प्लान E-2 सिर्फ ड्राफ्ट है, जनता के अधिकार सुरक्षित रहेंगे: आईएएस ललित गोयल
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भीलवाड़ा हलचल ।

जोनल डवलपमेंट प्लान ई-2 को लेकर उठ रही आपत्तियों और जनता की चिंताओं पर नगर विकास न्यास के सेक्रेट्री आईएएस ललित गोयल ने स्पष्ट किया है कि यूआईटी द्वारा जारी किया गया प्लान फिलहाल केवल ड्राफ्ट है। यह अंतिम नहीं है, और इसमें आमजन की आपत्तियों व सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जाएगा।

गोयल ने बताया कि यूआईटी ने 21 जुलाई तक सुझाव और आपत्तियाँ आमंत्रित किए थे, जिनकी संख्या काफी रही है और अधिकांश एक जैसी प्रकृति के हैं। उन्होंने भरोसा दिलाया कि—"जिन क्षेत्रों में कमिटमेंट की स्थिति है — जैसे कि पट्टा जारी है, आबादी बसी हुई है, भवन निर्माण हो चुका है — उन्हें कहीं से भी छेड़ा नहीं जाएगा। नियमों में भी इसका स्पष्ट प्रावधान है।"

उन्होंने आगे कहा कि यूआईटी ऐसा कोई कार्य नहीं करेगी जिससे काश्तकारों, पट्टाधारकों या भूमि आवंटन प्राप्त लोगों का नुकसान हो।यह केवल एक प्लानिंग प्रोसेस है, जिसमें सभी फीडबैक का परीक्षण जयपुर स्थित सीटीपी (चीफ टाउन प्लानर) और एसटीपी (सीनियर टाउन प्लानर) स्तर पर किया जाता है।अंतिम निर्णय राज्य स्तरीय कमेटी द्वारा लिया जाता है, न कि यूआईटी द्वारा मनमर्जी से।





1200 फीट चौड़ी रोड की चर्चा पर उन्होंने साफ किया कि:“ऐसी कोई रोड नहीं है। यह 1200 फीट की ग्रीन बेल्ट है, जिसे रोड बताया जा रहा है, जो गलतफहमी का विषय है।”

फाइनल प्लान से पहले होगा राज्य सरकार द्वारा परीक्षण

सेक्रेट्री गोयल ने बताया कि ड्राफ्ट प्लान को ट्रस्ट द्वारा प्रस्तुत किया जाता है, फिर यह राज्य सरकार को भेजा जाता है, जहां इसका परीक्षण कर फाइनल प्लान जारी किया जाता है।

जनता द्वारा दिए गए सभी सुझावों और आपत्तियों को नियमानुसार कंसीडर कर निस्तारित किया जाएगा।

✅ मुख्य बिंदु संक्षेप में:

E-2 प्लान केवल ड्राफ्ट, अंतिम नहीं

पट्टा धारकों, भवन निर्मित क्षेत्रों को नहीं छेड़ा जाएगा

1200 फीट चौड़ी रोड नहीं, ग्रीन बेल्ट है

फीडबैक का परीक्षण स्टेट लेवल पर

राज्य सरकार की स्वीकृति के बाद ही फाइनल प्लान





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