नारायण हत्याकांड- पूछताछ के लिये लाये गये युवक की मौत, मोर्चरी पर प्रदर्शन, मृत्यु की होगी न्यायिक जांच
भीलवाड़ा बीएचएन । जिले के मांडल थाने में हत्या के एक मामले में पूछताछ के लिए लाये गये युवक की देर रात मौत हो गई। परिजनों सहित लोगों ने मांडल अस्पताल की मोर्चरी पर प्रदर्शन कर पुलिस मारपीट से मौत का आरोप लगाया। वहीं दूसरी और पुलिस ने मारपीट से इनकार किया है। दिनभर चला गतिरोध मामले में न्यायिक जांच के आदेश के बाद खत्म हो गया। न्यायिक अधिकारी व परिजनों की मौजूदगी में शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया। युवक की मौत की जांच न्यायिक अधिकारी ने शुरु की है।
थाना प्रभारी संजय गुर्जर ने बताया कि कोलीखेड़ा निवासी नारायण 22 पुत्र भैंरू गुर्जर की मांडल निवासी राकेश सुथार व देवरिया, नीम का खेड़ा निवासी मदनसिंह राजपूत से पुरानी रंजिश थी। इसी रंजिश के चलते इन लोगों ने नारायण की गत दिनों हत्या कर दी थी। आरोपितों ने ल_ और चाकू से हमला किया। सिर में गंभीर चोट आई थी। हत्या के बाद से दोनों आरोपित फरार हैं, जिनकी पुलिस टीमें तलाश कर रही है। थाना प्रभारी गुर्जर ने बताया कि इस हत्या में एक कार का उपयोग किया गया था। यह कार सिरडिय़ास निवासी मुकेश 27 पुत्र गिरधारी कुमावत की थी। उन्होंने बताया कि मुकेश पर वारदात के समय कार में मौजूद होने का आरोप है। इसी के चलते मुकेश को देर रात पुलिस पूछताछ के लिए ला रही थी, तभी रास्ते में ही मुकेश की हालत बिगड़ गई। उसे तत्काल मांडल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टर्स ने उसे बचाने की कोशिश की, लेकिन वह बच नहीं पाया। मुकेश की मौत की सूचना परिजनों को उनके घर पुलिसकर्मी को भेजकर दे दी गई थी।
उधर, दूसरी और पुलिस सूत्रों का कहना है कि मृतक के परिजनों सहित कई लोग मांडल अस्पताल की मोर्चरी पहुंचेे। ये लोग मुकेश की मौत पुलिस कस्टडी में मारपीट से होने का आरोप लगाते हुये प्रदर्शन कर कार्रवाई और मामले की न्यायिक जांच की मांग करने लगे। बाद में न्यायिक जांच के आदेश होने पर जांच के लिए न्यायिक मजिस्ट्रेट मांडल पहुंचे, जहां उनकी मौजूदगी में शव का मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया। पोस्टमार्टम की कार्रवाई दो से ढाई घंटे चली। इसके साथ ही दिनभर से चला गतिरोध खत्म हो गया।
बिल्कुल ठीक था मुकेश, मारपीट से ही हुई मौत- पिता
उधर, मृतक मुकेश के पिता गिरधारी कुमावत का कहना है बीती रात साढ़े दस बजे पुलिस ने घर आकर आवाज दी। गाड़ी बाहर खड़ी हुई थी। देबीलाल सरपंच ने मुझे फोन लगाया कि बाहर आओ, काम है। मैं, बाहर आया तो पुलिसवाले बाहर खड़े थे। पुलिस ने पूछा मुकेश कहां हैं। मैंने, कहा मुकेश हमारे नोहरे में सोया हुआ है। पुलिस ने नोहरा बताने के लिए कहा। में, उनके साथ गया। दरवाजा खोला। नोहरे में मुकेश सोया हुआ था। पुलिस ने उसे उठाया। पुलिसवालों ने उसे हाथ पकड़ कर गाड़ी में बैठा लिया। उसने पूछा बात क्या हुई तो पुलिस ने कहा कि पहले गाड़ी में बैठ फिर बतायेंगे। गिरधारी ने कहा कि उसने पुलिस से बैटे को ले जाने का कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि कल सुबह थाने में आ जाना, अभी हम इसको लेकर जा रहे हैं। गिरधारी ने कहा कि उसका बेटा रात में खाना खाकर सोया था और एक दम कंप्लीट था। इस दौरान, मैं, मेरी पत्नी और गांव वाले मौजूद थे। गिरधारी ने आरोप लगाया कि पुलिस वाले मुकेश को थाने में ले आये। बाद में पुलिस ने मुकेश के साथ मारपीट की । पीटन से ही मुकेश की मौत हुई। उन्होंने कहा कि कितनी बजे मुकेश की डेथ हुई, हमें और परिवार के किसी भी सदस्य को कोई सूचना नहीं है। किसी और ने बताया कि तुम्हारा बच्चा बीमार है और हॉस्पीटल में है। हम जब हॉस्पीटल पहुंचे तो बताया गया कि तुम्हारा बच्चा नहीं है। मृतक के पिता ने कहा कि पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी। साथ ही पोस्टमार्टम के लिए भीलवाड़ा से मेडिकल बोर्ड बुलाया जाये।
पुलिस ने नहीं की मारपीट, हार्टअटैक से मौत की आशंका -पुलिस
उधर, जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत ने बताया कि मुकेश कुमावत की कार का नारायण के मर्डर में यूज हुआ था। वारदात में मुकेश खुद भी संलिप्त होकर मौके पर मौजूद था। उसे पूछताछ के लिए पुलिस ला रही थी। तभी उसे सीने में तकलीफ हुई। पुलिस तुरंत उसे अस्पताल ले गई। जहां ईसीजी आदि उपचार किया गया, लेकिन वह बच नहीं पाया। प्रथम दृष्टया सामने आया कि मुकेश को हार्ट अटैक आया, जिससे उसकी मौत हो गई। उन्होंने बताया कि मुकेश के शरीर पर कोई चोट नहीं है। पुलिस ने कोई मारपीट नहीं की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्थिति साफ हो जायेगी।