नारायण हत्याकांड- नीमच-मंदसौर हाइवे से दबौचा दो और आरोपितों को, पहचान छिपाने कटवा लिये थे बाल, फिर भी नहीं बचे
भीलवाड़ा बीएचएन । नारायण गुर्जर की हत्या के मामले में मांडल पुलिस ने 10 दिन की भागदौड़ के बाद 2और आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने दोनों को नीमच -मंदसौर हाइवे से शनिवार को दबौचा। दोनों आरोपितों ने पुलिस गिरफ्त से बचने के लिए पहचान छिपाने का प्रयास किया और अपने बाल कटवा लिये, लेकिन पुलिस की पैनी नजरों से ये बच नहीं पाये। बता दें कि मामले में दो आरोपित पहले गिरफ्तार हो चुके हैं।
मांडल पुलिस के अनुसार, कोलीखेड़ा निवासी नारायणलाल गुर्जर 22 अप्रैल की शाम चार बजे शादी में जाने के लिए निकला था। सुबह करीब 5 बजे कोलीखेड़ा फाटक के पास नारायण पड़ा मिला। नारायण के भाई श्यामलाल को इसकी सूचना कन्हैयालाल गुर्जर ने मोबाइल से दी। श्यामलाल मौके पर पहुंचा। उसे नारायण ने बताया कि वह चौराहा से पल्सर बाइक पर गांव आ रहा था, तभी कार वालों ने उसे टक्कर मारी। वह खेत में गिर गया। कार से उतर कर देवरिया के मदन सिंह पुत्र तख्तसिंह राजपूत व राकेश सुथार निवासी मांडल और तीन-चार अन्य लोगों ने उसके साथ मारपीट की। रास्ते में मारपीट कर उसे फाटक के पास डाल गये। नारायण को जिला अस्पताल में डॉक्टर्स ने मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने श्यामलाल गुर्जर की रिपोर्ट पर अपराध धारा 302, 201 के तहत केस दर्ज किया।
जिला पुलिस अधीक्षक राजन दुष्यंत के आदेशानुसार, एएसपी सहाड़ा रोशन पटेल के निर्देशन और डीएसपी मांडल मेघा गोयल के निकट सुपरविजन में एक टीम थाना प्रभारी संजय कुमार गुर्जर के नेतृत्व में गठित की। वारदात के बाद से फरार आरोपितों की तलाश में पिछले दस दिन से दर-दर भटकती पुलिस टीम ने आखिरकार 2 और आरोपितों देवरिया, मांडल के मदन सिंह 24 पुत्र तख्त सिंह उर्फ तेज सिंह और राकेश 22 पुत्र गणपत सुथार निवासी लखारा चौक के पास, माण्डल को मध्यप्रदेश में नीमच-मंदसौर हाइवे से दबौच लिया। दोनों को यहां लाने के बाद पूछताछ की। इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपितों ने पुलिस से बचने के लिए अपने बाल कटवाकर हुलिया बदल लिया। वे, कैप पहनकर घूम रहे थे। बता दें कि वारदात में शामिल सीडियास के कमलेश पुत्र ईश्वर गुर्जर व कंवरलाल पुत्र रायमल गुर्जर को पूर्व में गिरफ्तार किया जा चुका है।
महाकाल ने की पुलिस की मदद
थाना प्रभारी संजय गुर्जर के नेतृत्व में आरोपितों के पीछे लगी पुलिस को सूचना मिली कि फरार आरोपित, उज्जैन के महाकाल मंदिर जा सकते हैं। इस इनपूट के बाद पुलिस की टीम उज्जैन पहुंची। जहां महाकालेश्वर मंदिर ट्रस्ट की ओर से लगाये सीसी टीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई तो दोनों आरोपित कैद मिले। दोनों ने बाल कटवाकर कैप लगा रखी थी।
आधा घंटे का था फासला, निकल गये थे आरोपित
पुलिस टीम के उज्जैन पहुंचने के आधा घंटे पहले ही दोनों आरोपित वहां से निकल गये थे। अगर यह फासला नहीं होता तो दोनों आरोपित पहले ही पकड़े जाते।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
23 अप्रैल की रात आरोपितों ने योजनाबद्ध तरीक से नारायण गुर्जर को जान से मारने की नियत से उसे अपनी पल्सर बाइक से जाते समय स्विफ्ट कार से टक्कर मारी। इसके चलते नारायण, बाइक सहित उछल कर खेत में जा गिरा। नारायण को कार में डालकर ये आरोपित नीम का खेड़ा की ओर जंगल में ले गये और वहां उसके साथ मारपीट की, जिससे उसे गंभीर चोट आई। इसके बाद नारायण को घायलावस्था में ये आरोपित कोलीखेड़ा क्षेत्र में रेलवे फाटक के पास तिराहे पर डाल गये।
ये थे टीम में
मांडल थाना प्रभारी संजय कुमार गुर्जर, एएसआई नंदराम, हैड कांस्टेबल महेंद्र सिंह, रमेश, जसवंत सिंह, जग्गाराम, सुरेश कुमार, घेवरलाल, दिनेश कुमार, गोकुल चंद, लक्ष्मीनारायण, छोटू, सांवर सिंह, एएसआई आशिष कुमार शामिल थे।