सरकार का एक्शन दूदू कलेक्टर ढाका को रिश्वत में मामले में हटाया, अब गिरफ्तारी की तलवार
जयपुर प्रदेश की भजन लाल सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना अभियान जारी रखते हुए 25 लाख रुपये के रिश्वत केस में उलझ दूदू कलेक्टर हनुमान मल ढाका को पद से हटाकर एपीओ कर दिया है. भजनलाल सरकार ने दूदू कलेक्टर को एपीओ करके भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति का मैसेज दिया है.
याद हो की रिश्वत के ऐसे मामले में सरकार किसी आरोपी अधिकारी या कर्मचारी को पुलिस अभिरक्षा में 48 घंटे में रहने के बाद एपीओ करती है. लेकिन इस केस में चुनाव के दौरान रिश्वत प्रकरण में प्रथम दृष्टया कलेक्टर की संलिप्तता मानते हुए हनुमान मल ढाका को एपीओ किया गया है. इसके पीछे तर्क यह भी है कि पद पर रहते हुए और कोई हेराफेरी नहीं कर दी जाए. तथ्यों और प्रमाणों से कहीं छेड़छाड़ ना हो. इसलिए सरकार ने जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए दूदू कलेक्टर को एपीओ किया है.
फाइलें सीज , जांच शुरू
दूदू कलेक्टर हनुमान मल ढाका और पटवारी हंसराज की संपत्ति, बैंक खाते और लॉकरों की जांच शुरू कर दी है। साथ ही दूदू तहसील में जमीनों के कन्वर्जन से संबंधित फाइलों की भी जांच एसओजी ने शुरू कर दी है। पिछले 3 महीने में हुए कन्वर्जन की सभी फाइलों को एसीबी जब्त कर एसीबी मुख्यालय लेकर आ गई हैं।
दूदू जिला कलेक्टर हनुमान मल ढाका को एपीओ करने के बाद अब ढाका पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है. एसीबी कभी भी कर ढाका और पटवारी हंसराज को गिरफ्तार सकती है.