त्योहारों से पहले आम आदमी को महंगाई से मिलेगी थोड़ी राहत

त्योहारों से पहले आम आदमी को महंगाई से मिलेगी थोड़ी राहत
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त्योहार का सीजन शुरू होने से पहले आम आदमी के लिए राहत भरी खबर है। आलू और चावल के दामों में गिरावट आना शुरु हो गई है। पिछले 20 दिनों के अंदर आलू का रेट 8 प्रतिशत कम हुआ है, क्योंकि उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के कोल्ड स्टोरेज में आलू का स्टॉक ओवरलोड हो गया है। ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले दिनों में आलू की रेट में और कमी आएगी।

दरअसल, बीते महीने आलू के अचानक बढ़े दामों को नियंत्रित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने इसके निर्यात पर बैन लगा दिया था। उत्तर प्रदेश से उत्तर-पूर्वी राज्यों में आलू ले जाने वाले ट्रकों की आवाजाही पर रोक लगा दी गई थी। इससे यूपी और बंगाल के कोल्ड स्टोरेज के आलू का स्टॉक ओवरलोड हो गया। इसी वजह से आलू के दामों में गिरावट आना शुरु हो गई थी।


आलू कारोबारियों का कहना है कि,बाजार में आलू के दामों में गिरावट आना शुरु हो गई है। आने वाले दिनों में बाजार में आलू की सप्लाई बढ़ने वाली है। क्योंकि इन दोनों राज्यों के कोल्ड स्टोरेज में ओवरलोड आलू का नवंबर से पहले इस्तेमाल किया जाना है। ऐसे में रिटेल प्राइस में गिरावट आना स्वाभाविक है। हाल ही में पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने आलू के अंतरराज्यीय व्यापार की अनुमति दी थी। इस फैसले से अन्य राज्यों को बड़ी राहत मिली थी।

आलू के व्यापारियों का कहना है कि, उनके के कुल उत्पादन का 163 लाख टन का 50 प्रतिशत हिस्सा अभी भी कोल्ड स्टोरेज में पड़ा है। आने वाले हफ्तों में कीमतों में और गिरावट आने की उम्मीद है। फेडरल कोल्ड स्टोरेज एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों का कहना है कि,हमारे कोल्ड स्टोरेज में आलू का बहुत अधिक स्टॉक है।पहले उसे खत्म करना होगा। क्योंकि इसके बाद आने वाले दिनों में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ से नई फसल जल्द ही आनी शुरू हो जाएगी।

15 रुपये/किलो सस्ता हुआ बासमती चावल

इस साल खरीफ की फसल अच्छी होने की उम्मीद है, इसलिए चावल की कीमतों में भी गिरावट आनी शुरू हो गई है। पिछले तीन महीनों में खुदरा स्तर पर बासमती चावल की कीमत 75 रुपये प्रति किलो से गिरकर 60 रुपये प्रति किलो पर आ गई है, क्योंकि निर्यात बाजार इतना मजबूत नहीं है। वैश्विक बाजारों में कई देश भारत की तुलना में कम कीमत पर चावल की पेशकश कर रहे हैं। अभी भारत ने बासमती चावल का न्यूनतम निर्यात मूल्य 950 डॉलर प्रति टन है।

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