हर साल इतने करोड़ की ‘सोन पापड़ी’ और ‘भुजिया’ चट कर जाते हैं इंडियंस
‘सोन पापड़ी’ और ‘भुजिया’ दिवाली के गिफ्ट्स में आपके घर पर ये दो चीजें ना आएं या आप इन्हें किसी को ना दें, तो ऐसा हो ही नहीं सकता. सोन पापड़ी का डिब्बा तो मीम की दुनिया का सबसे वायरल सदस्य भी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में आखिर सोन पापड़ी और भुजिया का कारोबार आखिर कितना बड़ा है.
सोन पापड़ी हो या भुजिया, जिसे बीकानेरी भुजिया भी कहते हैं. इनकी खास बात ये है कि बेसन से बनी इस मिठाई और नमकीन की शेल्फ लाइफ बेहतर होती है. इन्हें पैक करना आसान है और इन्हें दूर-दराज के इलाकों तक भेजा जा सकता है. इसलिए गिफ्टिंग के तौर पर इन्हें बहुत पसंद किया जाता है.
बीकानेरी भुजिया की खासियत तो ये है कि इसे दुनिया में स्पेशल पहचान कराने वाला ‘GI Tag’ भी मिला हुआ है. इतना ही नहीं, सिर्फ बीकानेर में इस भुजिया के कारोबार से लाखों लोगों की रोजी-रोटी चलती है. हल्दीराम, बिकानो, बीकानेरवाला, प्रभुजी, भीखाराम चांदमल समेत भुजिया और नमकीन बनाने वाले ना जाने कितने ऐसे ब्रांड हैं, जिनका कनेक्शन बीकानेर से ही है.
करोड़ों का ‘भुजिया’ का कारोबार
अगर बात आंकड़ों की जाए तो देश में ब्रांडेड ‘भुजिया’ बेचने का सबसे बड़ा कारोबार ‘हल्दीराम’ और ‘बिकानो’ जैसे ब्रांड का है. वहींब्रांडेड ‘सोन पापड़ी’ के बिजनेस में भी सबसे बड़ी हिस्सेदारी ‘हल्दीराम’ की ही है. आज की तारीख में भले हल्दीराम को खरीदने के लिए दुनिया की बड़ी-बड़ी कंपनी उतावली है, इसके लिए उसकी वैल्यूएशन 70,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की लगाई जा चुकी है.
क्या आप जानते हैं कि हल्दीराम का सालाना टर्नओवर करीब 14,500 करोड़ रुपए का है. वहीं कंपनी का टैक्स देने से पहले का प्रॉफिट भी करीब 2,500 करोड़ रुपए है.पिछले 5 साल में हल्दीराम के कारोबार में सालाना 18% की ग्रोथ दर्ज की गई है. ‘हल्दीराम’ के बाद ‘बिकानो’ भी इंडस्ट्री की बड़ी प्लेयर है. वह अकेले हर साल देश में करीब 9000 टन नमकीन की मैन्यूफैक्चरिंग करती है, जिसमें सबसे बड़ी हिस्सेदारी ‘बीकानेरी भुजिया’ की ही है.
1.19 लाख करोड़ का होगा कारोबार
जबकि फ्रॉस्ट एंड सुलिवन की एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत का कुल नमकीन मार्केट 2025 तक बढ़कर 1.19 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा. इसमें हर साल 13% की ग्रोथ बने रहने का अनुमान है. भारत के स्नैक्स मार्केट में ‘हल्दीराम’ अकेले 37 प्रतिशत की हिस्सेदारी रखता है.
इसके बाद ‘बिकानो’ ब्रांड के मालिक बीकाजी फूड्स, बालाजी वेफर्स और आईटीसी जैसे बड़े प्लेयर्स का नाम आता है. जबकि मार्केट में 32 प्रतिशत हिस्सेदारी अनऑर्गनाइज्ड सेक्टर की है.
चट हो जाती है इतने की ‘सोन पापड़ी’
बेसन को चीनी की चाशनी में लपेटकर उसके जाल से बनाई जाने वाली ‘सोन पापड़ी’ का टेक्सचर एकदम फ्लफी होता है. इलायची और पिस्ते की खुशबू से सजा इसका स्वाद लाजवाब होता है. एक रिर्पोर्ट के मुताबिक इसका कारोबार भी लंबा-चौड़ा है. साल 2017 में ब्रांडेड सोन पापड़ी का मार्केट करीब 7.3 करोड़ डॉलर का था, जो 2023 में लगभग डबल होकर 14.9 करोड़ डॉलर का हो चुका है.