बोझ नहीं लगेगा होम लोन का ब्याज, अपनाएं एसआईपी का 15% फॉर्मूला; यहां समझिए बचत का पूरा गणित

आरबीआई के रेपो दर घटाने के बाद से कई बैंकों ने ब्याज दरों में कटौती की है। यह उन लोगों के लिए भी बड़ी राहत है, जो पहली बार मकान खरीदने की योजना बना रहे हैं। अगर आप भी होम लोन लेकर मकान खरीदना चाहते हैं, तो तय करें कि किस ब्याज दर पर कितने साल के लिए कितना कर्ज लेना है। इस बात की भी गणना करें कि ऋण अवधि के दौरान आपको अपने कर्ज पर कितना ब्याज चुकाना होगा। गणना करने पर यह समझ में आ जाएगा कि आप जितना कर्ज ले रहे हैं, उससे ज्यादा आपको ब्याज चुकाना पड़ेगा। ब्याज के रूप में होने वाले इस नुकसान की भरपाई के लिए आप एसआईपी के 15 फीसदी फॉर्मूले का इस्तेमाल कर सकते हैं।

क्या है 15 फीसदी फॉर्मूला

पूरी कर्ज अवधि के दौरान चुकाए जाने वाले ब्याज का बोझ कम करने में सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (एसआईपी) का 15 फीसदी का फॉर्मूला काफी मददगार साबित हो सकता है। आप अपने होम लोन पर जितना ईएमआई चुकाते हैं, उसका 15 फीसदी हर महीने एसआईपी में डालना शुरू कर दें। कर्ज अवधि खत्म होते-होते आपके एसआईपी खाते में ब्याज राशि के बराबर या उससे ज्यादा रकम जमा हो जाएगी।

फॉर्मूले से ऐसे समझें बचत का गणित

विवरण राशि / प्रतिशत

होम लोन रकम 30,00,000 रुपये

ब्याज दर 8.75%

कर्ज अवधि 20 साल

कुल ब्याज 33,62,717 रुपये

कुल कर्ज देनदारी 63,62,717 रुपये

ईएमआई 26,511 रुपये

ईएमआई का 15% (एसआईपी) 4,000 रुपये

एसआईपी अवधि 20 साल

अनुमानित रिटर्न 12%

निवेश मूल्य 9,60,000 रुपये

अनुमानित रिटर्न 30,36,592 रुपये

कुल फंड 39,96,592 रुपये

गणना के हिसाब से देखें तो पता चलता है कि होम लोन की पूरी अवधि के दौरान आप जितना ब्याज चुकाते हैं, उससे अधिक रकम आपके एसआईपी खाते में जमा हो गई है।

...तो पूरा कर सकते हैं कर्जमुक्त घर का सपना

अगर आप स्मार्ट निवेशक हैं और एसआईपी में अपना योगदान बढ़ा सकें, तो अपना पूरा घर कर्जमुक्त करा सकते हैं।

मान लीजिए, आपने एसआईपी में अपना मासिक योगदान बढ़ाकर 7,000 रुपये कर दिया।

सालाना 12 फीसदी के अनुमानित रिटर्न पर यह योगदान 20 साल में बढ़कर 69,94,035 रुपये हो जाएगा। इसमें 53,14,035 रुपये का अनुमानित रिटर्न भी शामिल है।

इस तरह, 20 साल बाद आपके एसआईपी खाते में कुल 69,94,035 रुपये जमा हो जाएंगे, जो कुल 63,62,717 रुपये की होम लोन देनदारी से अधिक है। यानी आपका पूरा घर कर्जमुक्त।

निवेश से पहले सही फंड का करें चुनाव

एसआईपी में निवेश करते समय अपनी वित्तीय जरूरतों और लक्ष्यों को ध्यान में रखकर सही फंड का चुनाव करें। इससे न सिर्फ आपको बेहतर रिटर्न प्राप्त होंगे, बल्कि आपकी वित्तीय सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। जैसे-जैसे आपकी आय बढ़ती है, उसी अनुपात में अपने एसआईपी निवेश की राशि को भी बढ़ाते रहें। यह रणनीति आपके वित्तीय लक्ष्यों तक तेजी से पहुंचने में मदद करेगी और लंबे समय में बेहतर रिटर्न दिलाने में मदद करेगी।

Next Story