बैंड-बाजा-बारात! ₹4.25 लाख करोड़ की बरसात; 2 महीने में होंगी 35 लाख शादियां

बैंड-बाजा-बारात! ₹4.25 लाख करोड़ की बरसात; 2 महीने में होंगी 35 लाख शादियां
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भारत में फेस्टिव सीजन के बाद शादियों का सीजन शुरू हो जाएगा. देश में शादी को सबसे खर्चीला अवसर माना जाता है. अपने बच्चों की शादी धूमधाम से करने के चक्कर में माता-पिता लाखों रुपये खर्च करते हैं. कई बार तो लोगों के जीवन की पूरी कमाई इसमें लग जाती है और कुछ तो इसके चक्कर में कर्ज में डूब जाते हैं. वहीं, कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में लोग शादी पर पढ़ाई-लिखाई से ज्यादा खर्चा कर देते हैं. ऐसे में जब वेडिंग सीजन शुरू होने वाला है तो अनुमान के मुताबिक महज नवंबर-दिसंबर के महीने में 35 लाख शादियां होनी हैं. इन शादियों में कुल खर्च 4.25 लाख करोड़ होने का अनुमान है.

एक रिपोर्ट बताती है कि एक भारतीय पर उसकी शिक्षा से दोगुना खर्च उसकी शादी पर होता है. कुछ लोगों की नजर में ये भले ही फिजूलखर्ची हो लेकिन दिलचस्प बात ये है कि यही फिजूलखर्ची भारतीय इकोनॉमी को एक मजबूत सपोर्ट देने का काम करती है. ऐसे में आइए जानते हैं लोग ये 4.25 लाख करोड़ कहां खर्च करने वाले हैं…

35 लाख से ज्यादा शादियां होंगी

भारत में इस साल नवंबर से मध्य दिसंबर के बीच 35 लाख से ज्यादा शादियां होने का अनुमान है. इसमें करीब 4.25 लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है. भारत में हर साल करीब एक करोड़ शादियां होती हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह सेक्टर भारत में चौथी सबसे बड़ी इंडस्ट्री है. इस साल शादियों में 130 अरब डॉलर खर्च होने का अनुमान है और करोड़ों रोजगार के अवसर पैदा होंगे.

सोने की मांग बढ़ेगी

एक रिपोर्ट के अनुसार, सरकार ने सोने पर आयात शुल्क 15 प्रतिशत से घटाकर 6 प्रतिशत कर दिया है. इससे सोने की मांग बढ़ने की उम्मीद है. सोना भारत में धार्मिक और सामाजिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है. लोग इसे एक निवेश के तौर पर भी देखते हैं.

रिटेल मार्केट में आएगी मजबूती

सोने की मांग बढ़ने से रिटेल मार्केट में भी मजबूती देखने को मिलती है. जब लोग शादियों और त्योहारों पर खर्च करते हैं, तो रिटेल, हॉस्पिटैलिटी, ज्वेलरी और ऑटोमोबाइल सेक्टर को फायदा होता है. यह सभी क्षेत्र आर्थिक विकास में योगदान करते हैं.

कंपनियों का फायदा बढ़ेगा

डिमांड बढ़ने से कंपनियों के लाभ में भी बढ़ोतरी होगी. इससे कंपनियों के शेयर की कीमत बढ़ेगी. यह पूरे देश की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा. भारत में शादियों का यह सीजन न केवल खुशी का समय है, बल्कि यह अर्थव्यवस्था के लिए भी महत्वपूर्ण है. शादी के दौरान होने वाला खर्च और बढ़ती मांग सभी सेक्टर्स के लिए फायदेमंद होती है. इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होते हैं.

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