स्वास्थ्य बीमा से GST हटा सकती है केंद्र सरकार, इस उम्र के लोगों को होगा फायदा

स्वास्थ्य बीमा से GST हटा सकती है केंद्र सरकार, इस उम्र के लोगों को होगा फायदा
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जीवन बीमा प्रीमियम और सीनियर सिटीजन के स्वास्थ्य बीमा को लेकर बड़ा अपडेट आया है। केंद्र सरकार टर्म जीवन बीमा पॉलिसियों और वरिष्ठ नागरिकों के स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम में जीएसटी छूट दे सकती है। राज्य मंत्रिस्तरीय पैनल के अधिकांश सदस्यों ने आम आदमी को लाभ पहुंचाने के लिए करों में कटौती का समर्थन किया है।

जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी दर पर निर्णय लेने के लिए मंत्री समूह की शनिवार को बैठक हुई। जिसमें जीवन बीमा तथा वरिष्ठ नागरिकों द्वारा स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए जाने वाले प्रीमियम को कर मुक्त किया जा सकता है। इसके अलावा अन्य व्यक्तियों के लिए पांच लाख रुपये तक के कवरेज वाले स्वास्थ्य बीमा के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर जीएसटी से छूट देने का निर्णय लिया गया।

बीमा पर जीएसटी हटाने पर सहमति

हालांकि इस संबंध में अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा। फिलहाल पांच लाख रुपये से अधिक के स्वास्थ्य बीमा कवरेज के लिए भुगतान किए गए प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी लगता रहेगा। इस समय टर्म पॉलिसी और फैमिली फ्लोटर पॉलिसी के लिए भुगतान किए गए जीवन बीमा प्रीमियम पर 18 फीसदी जीएसटी लग रही है। बैठक में शामिल एक अधिकारी ने बताया कि, जीओएम के सदस्य बीमा प्रीमियम पर दरों में कटौती के लिए व्यापक रूप से सहमत हैं। अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद द्वारा लिया जाएगा।


बैठक में शामिल हुए बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा कि, मंत्रिसमूह का हर सदस्य लोगों को राहत देना चाहता है। वरिष्ठ नागरिकों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। हम परिषद को एक रिपोर्ट सौंपेंगे। हालांकि, वरिष्ठ नागरिकों के लिए भुगतान किए गए बीमा प्रीमियम पर कोई जीएसटी नहीं लग सकता है, भले ही कवरेज राशि कितनी भी हो।

इस महीने के अंत तक रिपोर्ट सौंपेगी कमेटी

जीएसटी परिषद ने पिछले महीने अपनी बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर कर के बारे में निर्णय लेने के लिए 13 सदस्यीय मंत्री समूह गठित करने का निर्णय लिया था। सम्राट चौधरी मंत्री समूह के संयोजक हैं। इसमें उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश, गोवा, गुजरात, मेघालय, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के मंत्री शामिल हैं। मंत्री समूह को अक्टूबर के अंत तक परिषद को अपनी रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया था।

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