ईपीसीएच ने ग्रीस में “इंडियन हैंडीक्राफ्ट्स - मैजिक ऑफ गिफ्टेड हैंड्स” प्रदर्शित किया

नई दिल्ली – 89वां थेसालोनिकी अंतर्राष्ट्रीय मेला (टीआईएफ) 06 से 14 सितंबर 2025 तक ग्रीस के थेसालोनिकी अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनी एवं कांग्रेस केंद्र में ईपीसीएच के थीमैटिक पवेलियन “इंडियन हैंडीक्राफ्ट्स - मैजिक ऑफ गिफ्टेड हैंड्स” आरम्भ हुआ । ईपीसीएच इंडिया पवेलियन का उद्घाटन भारत सरकार के वस्त्र, खाद्य प्रसंस्करण, पूर्वोत्तर मंत्रालय (डीओएनईआर) में अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार असित गोपाल ने किया । इस अवसर पर रवि के पासी ईपीसीएच के पूर्व अध्यक्ष एवं सीओए सदस्य; शंकर नंद भारती, महाप्रबंधक एवं विभागाध्यक्ष, प्रशासन आईटीपीओ; सदस्य प्रदर्शक; मास्टर शिल्पकार तथा लीला, नीना, वरिष्ठ मेला अधिकारियों की गरिमामयी उपस्थिति भी रही ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया ।
असित गोपाल ने परिषद के प्रयासों की सराहना की और बताया कि इस मेले के माध्यम से लोग भारत की छवि को हस्तशिल्प सोर्सिंग के लिए लाभदायक गंतव्य के रूप में पेश करने के लिए खरीदारों से जुड़ रहे हैं क्योंकि भारत में विविध उत्पाद रेंज, टिकाऊ प्रथाएं और कारीगरी उत्कृष्टता है जो इसे दुनिया भर में सबसे आकर्षक सोर्सिंग गंतव्यों में से एक बनाती है।
ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा कि "थेसालोनिकी अंतर्राष्ट्रीय मेला दक्षिण-पूर्वी यूरोप की सबसे महत्वपूर्ण व्यापार प्रदर्शनियों में से एक है, जो दुनिया भर के व्यापार अग्रणियों, नीति निर्माताओं, निवेशकों और नवप्रवर्तकों को एक साथ लाता है। टीआईएफ एक बहु-विषयक मंच के रूप में कार्य करता है, जो वाणिज्य, संस्कृति और नवप्रवर्तन का सम्मिश्रण करता है। इसमें 1,500 से अधिक प्रदर्शकों और 2,00,000 से अधिक आगंतुकों के भाग लेने की उम्मीद है। भारत के लिए, यह हस्तशिल्प और जीवनशैली उत्पादों में सहयोग, साझेदारी और सोर्सिंग के अवसरों के नए क्षितिज खोलता है।"
ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि इस वर्ष ईपीसीएच दो निर्यातकों के साथ भाग ले रहा है, साथ ही भारत सरकार के वस्त्र मंत्रालय के विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय द्वारा नियुक्त 7 राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त मास्टर शिल्पकारों द्वारा भारतीय पारंपरिक शिल्प का लाइव पारम्परिक शिल्प प्रदर्शनी आयोजित की जा रही है। ये शिल्पकार आंध्र प्रदेश से चमड़े की कठपुतलियाँ, दिल्ली से आर्टमेटलवेयर, जम्मू और कश्मीर से शॉल, गुजरात से कच्छ बंधनी, राजस्थान से फड़ पेंटिंग और सांगानेरी हैंड ब्लॉक प्रिंटिंग और छत्तीसगढ़ से बस्तर ढोकरा का प्रदर्शन कर रहे हैं।
ईपीसीएच देश से दुनिया के विभिन्न देशों में हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प वस्तुओं और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में भारत की छवि को विदेशों में स्थापित करने के लिए एक नोडल एजेंसी है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया वर्ष 2024-25 के दौरान कुल हस्तशिल्प निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा और वर्ष 2024-25 के दौरान फ्रांस को हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्यात 1004.32 करोड़ रुपये (118.75 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा।
