ईपीसीएच ने फर्नीचर चाइना 2025 में भारतीय फर्नीचर एवं डेकोर निर्यात की चमक बिखेरी

नई दिल्ली – एशिया का प्रमुख फर्नीचर व्यापार मेला, फर्नीचर चाइना 2025, शंघाई के न्यू इंटरनेशनल एक्सपो सेंटर में शुरू हुआ। इस बार यह आयोजन "बियॉन्ड नेक्स्ट" थीम के तहत अपनी 30वीं वर्षगांठ मना रहा है। 10-13 सितंबर 2025 तक चलने वाले इस मेले में दुनिया भर के 3,000 से अधिक प्रदर्शक अपने अत्याधुनिक फर्नीचर डिजाइन, निर्माण तकनीकें और इंटीरियर इनोवेशन पेश कर रहे हैं।

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने जानकारी की ईपीसीएच ने फर्नीचर चाइना 2025 में एक प्रचार बूथ स्थापित किया है और इसका उद्घाटन शंघाई स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास के वाणिज्य दूत (वाणिज्य) और चांसरी प्रमुख भविष्य ने जोधपुर हस्तशिल्प निर्यातक महासंघ के अध्यक्ष नरेश बोथरा की गरिमामयी उपस्थिति में किया I इस मौके पर श्री प्रियेश भंडारी, सचिव, जोधपुर के प्रमुख सदस्य निर्यातक; मुरादाबाद के प्रमुख सदस्य निर्यातक; एम. इलियास अहमद और अन्य प्रमुख भारतीय प्रदर्शक भी मौजूद रहे।

ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा, “फर्नीचर चाइना 2025 फर्नीचर, डेकोर और हस्तशिल्प के क्षेत्र में भारत की ताकत को दुनिया के सामने दिखाने का एक बेहतरीन अवसर प्रदान करता है। हमारे प्रचार स्टॉल के जरिए परिषद न सिर्फ भारतीय निर्यातकों की रचनात्मकता और शिल्प कौशल को उजागर कर रही है, बल्कि आईएचजीएफ दिल्ली मेले के ऑटम 2025 और स्प्रिंग 2026 को अंतरराष्ट्रीय खरीदारों के लिए एक अहम सोर्सिंग गंतव्य के रूप में भी स्थापित कर रही है। इस मेले में हमारी भागीदारी यह दिखाता है कि भारत, दुनिया की फर्नीचर और लाइफस्टाइल वैल्यू चेन में एक भरोसेमंद, डिजाइन पर आधारित और दीर्घकालीन भागीदार है।”

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि, "फर्नीचर चाइना 2025 में हमारी मौजूदगी का उद्देश्य आगामी आईएचजीएफ दिल्ली मेले के ऑटम 2025 और स्प्रिंग 2026 संस्करणों का वैश्विक खरीद समुदाय के बीच प्रचार और प्रसार करना है। अपने इस प्रचार अभियान के तहत ईपीसीएच इस मेले के दौरान एक रोड शो भी आयोजित कर रहा है, जिसमें प्रचार सामग्री बांटी जा रही है और अंतरराष्ट्रीय आगंतुकों से सीधे संवाद किया जा रहा है। इन पहलों का उद्देश्य भारत की हस्तशिल्प, फर्नीचर और लाइफस्टाइल उत्पादों के लिए एक प्रमुख सोर्सिंग गंतव्य के रूप में पहचान को बढ़ाना है, साथ ही इसे आईएचजीएफ दिल्ली मेले को दुनिया के सबसे बड़े और विश्वसनीय सोर्सिंग प्लेटफॉर्म्स में से एक के रूप में और मजबूत बनाने के लिए भी डिजाइन किया गया है।"

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि ईपीसीएच देश से दुनिया के विभिन्न गंतव्यों तक हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प वस्तुओं और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि को पेश करने वाली एक नोडल संस्थान है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा। 2024-25 के दौरान चीन को हस्तशिल्प वस्तुओं का निर्यात 194.30 करोड़ रुपये (22.97 मिलियन अमेरिकी डॉलर) का किया गया जिसमें रुपये के संदर्भ में 25.12% तो डॉलर के संदर्भ में 22.97% की वृद्धि दर्ज की गई।

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