बर्मिंघम में ईपीसीएच इंडिया पवेलियन का उद्घाटन

नई दिल्ली – – यूनाइडेट किंगडम के बर्मिंघम में स्थित एनईसी में ऑटम फेयर इंटरनेशनल 2025 का भव्य उद्घाटन हुआ। इस दौरान भारत सरकार के बर्मिंघम स्थित कॉन्सुल जनरल डॉ. वेंकटाचलम मुरुगन ने ईपीसीएच इंडिया पवेलियन का उद्घाटन किया। इस अवसर पर कॉन्सुल (वाणिज्य) एवं एचओसी अमन बंसल; हस्तशिल्प विकास आयुक्त कार्यालय में क्षेत्रीय निदेशक हलदर; ईपीसीएच के क्षेत्रीय संयोजक - उत्तर पश्चिम क्षेत्र एवं सीओए सदस्य गिरीश अग्रवाल और मेले में भाग ले रहे सदस्य निर्यातकों की गरिमामयी उपस्थिति रही। यह मेला 07 से 10 सितंबर 2025 तक आयोजित किया जा रहा है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने कहा कि भारत के लिए यह एक महत्वपूर्ण अवसर है, वह यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम में आयोजित ऑटम फेयर इंटरनेशनल जैसे प्रतिष्ठित वैश्विक मंच पर अपनी अनुपम सांस्कृतिक विविधता, समृद्ध विरासत और शिल्पकला की गौरवशाली परंपरा को पूरी दुनिया के सामने प्रस्तुत कर सकता है। उन्होंने बताया कि परिषद ने इस मेले में देश के विभिन्न भागों से सदस्य निर्यातकों की सहभागिता सुनिश्चित की है।

भारत सरकार के बर्मिंघम स्थित कॉन्सुल जनरल डॉ. वेंकटाचलम मुरुगन ने उद्घाटन के दौरान भारतीय हस्तशिल्प को वैश्विक बाजारों में पहुंचाने और देश से हस्तशिल्प निर्यात को बढ़ावा देने के लिए परिषद के किए जा रहे लगातार प्रयासों की सराहना की। सीजीआई ने इस दौरान प्रदर्शनी में भाग ले रहे सदस्य प्रतिभागियों से बात की और भविष्य में व्यापारिक प्रोत्साहन के हरसंभव सहयोग का आश्वासन दिया।

ईपीसीएच अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने कहा, "परिषद नियमित रूप से यूनाइटेड किंगडम के बर्मिंघम में आयोजित होने वाले ऑटम फेयर इंटरनेशनल में भाग लेती आ रही है, जो यूके के बाजार की विविधता को समझने का एक सशक्त मंच प्रदान करता है। भारत-ब्रिटेन व्यापक आर्थिक और व्यापार समझौते (सीईटीए) होने के साथ, प्रगतिशील टैरिफ कटौती, सरल उत्पत्ति नियम और सीमा शुल्क सुगमता, क्रेता-विक्रेता संवादों में विश्वास और पूर्वानुमेयता लाएगी, जिससे लागत कम होगी, निकासी तेज़ होगी, अनुपालन आसान होगा और ब्रिटेन के खुदरा विक्रेताओं के लिए भारतीय आपूर्तिकर्ताओं के साथ बहु-मौसमी उत्पादों, निजी लेबल और डिज़ाइन सहयोग को बढ़ाने की गुंजाइश होगी” डॉ. खन्ना ने आगे कहा, "ऑटम संस्करण में भारत की भागीदारी मेले की जीवंतता और विविधता में वृद्धि करेगी, साथ ही वैश्विक निर्माताओं, खुदरा विक्रेताओं और ब्रांडों को भारतीय वस्त्र, गृह सज्जा और उपभोक्ता उत्पाद उद्योगों में मज़बूत उद्यमशीलता से परिचित कराएगी, जिससे भारत से सोर्सिंग के अवसर खुलेंगे।"

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने यह जानकारी दी की ऑटम फेयर इंटरनेशनल 2025 के अवसर पर, ईपीसीएच ने भारतीय दूतावास और विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय के सहयोग से "भारत - हस्तशिल्प सोर्सिंग के लिए एक लाभदायक गंतव्य" विषय पर एक इंटरैक्टिव सत्र का भी आयोजन किया। इस सत्र में वैश्विक खरीदार, सोर्सिंग पेशेवर और भारतीय हस्तशिल्प निर्यातक एक साथ आए ताकि अवसरों की खोज की जा सके, बाजार के रुझानों पर चर्चा की जा सके और वैश्विक हस्तशिल्प मूल्य श्रृंखला में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की स्थिति को उजागर किया जा सके। वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों, व्यापार विशेषज्ञों और अग्रणी प्रदर्शकों ने इस बात पर विचार-विमर्श किया कि कैसे भारत की विविध उत्पाद श्रृंखला, टिकाऊ प्रथाएं और कारीगरी उत्कृष्टता इसे दुनिया भर में सबसे आकर्षक सोर्सिंग स्थलों में से एक बनाती है।

वर्मा ने आगे बताया कि इस संस्करण में ईपीसीएच के 6 सदस्य निर्यातक ईपीसीएच इंडिया पैवेलियन के अंतर्गत भाग ले रहे हैं, जिसमें घरेलू वस्त्र एवं साज-सज्जा, हस्तनिर्मित चमड़े के उत्पाद और फैशन सहायक उपकरण आदि प्रदर्शित किए जा रहे हैं। भारतीय हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए, ईपीसीएच ने विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के कार्यालय के सहयोग से मास्टर शिल्पकारों/कारीगरों द्वारा भारतीय पारंपरिक शिल्प के लाइव प्रदर्शन के साथ विषयगत प्रदर्शन की स्थापना भी की है।

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया कि ईपीसीएच देश से दुनिया के विभिन्न गंतव्यों तक हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प वस्तुओं और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि को पेश करने वाली एक नोडल संस्थान है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा और 2024-25 के दौरान ब्रिटेन को हस्तशिल्प निर्यात 2562.70 करोड़ रुपये (303.01 मिलियन अमेरिकी डॉलर) था।

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