रियाद में 'इंडेक्स सऊदी अरेबिया' में ईपीसीएच की प्रभावशाली भागीदारी

नई दिल्ली – – ‘इंडेक्स सऊदी अरेबिया 2025’ का शुभारंभ सऊदी अरब के रियाद में हुआ जहां ईपीसीएच के इंडिया पवेलियन का उद्घाटन भारत के सऊदी अरब में राजदूत डॉ. सुहेल अजाज खान ने किया। इस मौके पर मनुस्मृति, काउंसलर (आर्थिक और वाणिज्य) भारतीय दूतावास, रियाद; अक्षय सिंह, उप निदेशक, कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार; सलमान आज़म, सदस्य सीओए-ईपीसीएच; सदस्य निर्यातक प्रदर्शक और मास्टर शिल्पकार की गरिमामयी उपस्थिति भी रही। इस मेले का आयोजन 9 से 11 सितंबर 2025 तक किया जा रहा है। ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर. के. वर्मा ने बताया भारत को इस आयोजन के माध्यम से रियाद में आयोजित "इंडेक्स सऊदी अरब" जैसे बड़े मंच पर अपनी अनोखी विविधता, समृद्ध संस्कृति और कला-शिल्प की पुरानी परंपरा दिखाने का शानदार मौका मिला है जहाँ देशभर से कई निर्यातक और शिल्पकार इसमें हिस्सा ले रहे हैं।

उद्घाटन के दौरान सऊदी अरब में भारत के राजदूत डॉ. सुहेल अजाज खान ने ईपीसीएच की सराहना की। उन्होंने कहा कि परिषद लगातार भारतीय हस्तशिल्प को दुनिया तक पहुंचाने और हस्तशिल्प निर्यात का बेहतरीन काम कर रही है। उन्होंने प्रतिभागी प्रदर्शकों से बातचीत भी की और भविष्य में व्यापारिक प्रचार-प्रसार में हर संभव सहयोग देने का भरोसा दिया। महामहिम, कुशल शिल्पकार द्वारा प्रस्तुत लाइव प्रदर्शन देखकर बहुत प्रभावित हुए।

ईपीसीएच अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने बताया कि "इंडेक्स सऊदी अरब" मिडिल ईस्ट का सबसे पुराना इंटीरियर डिज़ाइन इवेंट है, जिसमें दुनिया भर की कंपनियाँ हिस्सा लेती हैं। पूरी दुनिया की कंपनियों को इस आयोजन में शामिल ब्रांड्स पर भरोसा होता है। यह मेला अंतरराष्ट्रीय डिज़ाइन, होम डेकोर और लाइफस्टाइल से जुड़ी पूरी दुनिया को एक मंच पर लाता है। भारत की भागीदारी से मेले में और विविधता और विशेषता आएगी और दुनिया भर के निर्माता, रिटेलर्स और ब्रांड्स को भारतीय वस्त्र, होम फर्निशिंग और उपभोक्ता उत्पादों की मजबूत उद्यमिता से परिचित होने का मौका मिलेगा, जिससे यह आयोजन भारतीय हस्तशिल्प के सोर्सिंग का बेहतर अवसर भी प्रदान करने वाला है।

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया इंडेक्स सऊदी अरब 2025 के अवसर पर, ईपीसीएच ने भारतीय दूतावास, रियाद और विकास आयुक्त (हस्तशिल्प) कार्यालय के सहयोग से "इंडिया – ए आइडियल डेस्टिनेशन फॉर सोर्सिंग हैंडीक्राफ्ट" विषय पर एक संवादात्मक सत्र का भी आयोजन किया। इस सत्र के मुख्य अतिथि सऊदी अरब, रियाद में भारत के राजदूत महामहिम डॉ. सुहेल एजाज खान थे। उनके साथ श्री अक्षय सिंह, उप निदेशक, कार्यालय विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार; श्री सलमान आज़म, सदस्य सीओए-ईपीसीएच और इन डिटेल डिज़ाइन सेंटर जेद्दा की उपाध्यक्ष श्रीमती दलाल अबुदुलेला अबुलजादयेल भी उपस्थित रहे। श्री सलमान आजम ने अपने स्वागत भाषण में वर्तमान व्यावसायिक परिदृश्य में सऊदी बाज़ार के महत्व पर प्रकाश डाला। इस सत्र में वैश्विक खरीदार, सोर्सिंग पेशेवर और भारतीय हस्तशिल्प निर्यातक अवसरों का पता लगाने, बाज़ार के रुझानों पर चर्चा करने और वैश्विक हस्तशिल्प मूल्य श्रृंखला में एक विश्वसनीय भागीदार के रूप में भारत की स्थिति को उजागर करने के लिए एक साथ आए । वरिष्ठ गणमान्य व्यक्तियों, व्यापार विशेषज्ञों और अग्रणी प्रदर्शकों ने इस बात पर विचार-विमर्श किया कि किस प्रकार भारत की विविध उत्पाद श्रृंखला, टिकाऊ प्रथाएं और कारीगरी उत्कृष्टता इसे दुनिया भर में सबसे आकर्षक सोर्सिंग स्थलों में से एक बनाती है ।

श्री वर्मा ने यह भी बताया कि इस बार मेले में ईपीसीएच के 6 सदस्य निर्यातक हिस्सा ले रहे हैं, जो होम डेकोर, गिफ्ट्स, होम टेक्सटाइल, किचन आइटम्स और सजावटी सामानों के सेक्टर में को प्रदर्शित कर रहे हैं । ईपीसीएच ने एक खास थीमैटिक डिस्प्ले भी लगाया है, जिसमें विकास आयुक्त [हस्तशिल्प] कार्यालय ने ओडिशा से प्राकृतिक फाइबर शिल्प, उत्तर प्रदेश से धातु उत्कीर्णन शिल्प, दिल्ली से टेराकोटा शिल्प और केरल से नारियल शैल शिल्प के मास्टर शिल्पकारों को प्रतिनियुक्त किया है भारतीय पारंपरिक शिल्पों का लाइव डेमो भी हो रहा है।

ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक श्री आर. के. वर्मा ने बताया कि ईपीसीएच देश से दुनिया के विभिन्न गंतव्यों तक हस्तशिल्प के निर्यात को बढ़ावा देने और उच्च गुणवत्ता वाले हस्तशिल्प वस्तुओं और सेवाओं के विश्वसनीय आपूर्तिकर्ता के रूप में विदेशों में भारत की छवि को पेश करने वाली एक नोडल संस्थान है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि वर्ष 2024-25 के दौरान हस्तशिल्प का कुल निर्यात 33,123 करोड़ रुपये (3,918 मिलियन अमेरिकी डॉलर) रहा और 2024-25 के दौरान सऊदी अरब को हस्तशिल्प निर्यात 597.46 करोड़ रुपये (72.17 मिलियन अमेरिकी डॉलर) था और इसमें रुपये के संदर्भ में 13.66% तो डॉलर के संदर्भ में 10.54% की वृद्धि दर्ज की गई।

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