सरकार का इंडिगो पर कड़ा एक्शन, उड़ानों में 10% कटौती; सीईओ ने मांगी माफी

सरकार का इंडिगो पर कड़ा एक्शन, उड़ानों में 10% कटौती; सीईओ ने मांगी माफी
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नई दिल्ली नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने इंडिगो एयरलाइन की उड़ानों में 10% कटौती करने का कड़ा निर्देश दिया है। पिछले हफ्ते क्रू रोस्टर, फ्लाइट शेड्यूल और संचार की कमी जैसे आंतरिक कुप्रबंधन के कारण यात्रियों को हुई भारी असुविधा को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। मंत्रालय का मानना है कि एयरलाइन के संचालन को स्थिर करने और रद्दीकरण की घटनाओं को कम करने के लिए यह कटौती जरूरी है। हालांकि, इस कटौती के बावजूद इंडिगो अपने सभी मौजूदा गंतव्यों पर उड़ानें जारी रखेगी।

इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स को मंगलवार को विमानन मं मंत्रालय में तलब किया गया, जहां उन्होंने हालात को स्थिर करने के लिए किए जा रहे उपायों पर अपडेट दिया। सीईओ ने पुष्टि की है कि 6 दिसंबर तक प्रभावित उड़ानों के लिए 100% रिफंड की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। मंत्रालय ने शेष रिफंड और यात्रियों के फंसे हुए सामान को जल्द से जल्द सौंपने के सख्त निर्देश दिए हैं। इंडिगो को किराया सीमा और यात्री सुविधा उपायों सहित मंत्रालय के सभी निर्देशों का बिना किसी अपवाद के पालन करने को कहा गया है।

मंजूर उड़ानों के मुकाबले कम संचालन

डीजीसीए की ओर इंडिगो को जारी आधिकारिक नोटिस में कहा गया है कि विंटर शेड्यूल के तहत नवंबर 2025 के लिए एयरलाइन को प्रति सप्ताह 15,014 प्रस्थान और कुल 64,346 उड़ानों की मंजूरी दी गई थी। हालांकि, परिचालन आंकड़ों से पता चलता है कि इंडिगो केवल 59,438 उड़ानें ही संचालित कर पाई। नवंबर में एयरलाइन की 951 उड़ानें रद्द की गईं।

नोटिस के अनुसार, इंडिगो को समर शेड्यूल 2025 की तुलना में विंटर शेड्यूल में 6% के इजाफे की अनुमति दी गई थी, इसके तहत 403 विमानों के उपयोग की मंजूरी थी। लेकिन एयरलाइन अक्तूबर 2025 में केवल 339 और नवंबर 2025 में 344 विमान ही संचालित कर सकी।

डीजीसीए ने कहा कि एयरलाइन ने 2024 की सर्दियों की तुलना में अपने प्रस्थान में 9.66% और इस वर्ष के गर्मियों के शेड्यूल की तुलना में 6.05% की वृद्धि की थी, लेकिन वह इस शेड्यूल का कुशलतापूर्वक संचालन नहीं कर सकी।

क्या है डीजीसीए का निर्देश?

डीजीसीए ने अपने आदेश में कहा, "एयरलाइन को अपने शेड्यूल को 5% तक घटाने का निर्देश दिया जाता है, यह कटौती विशेष रूप से अधिक मांग और अधिक फेरों वाले उड़ानों में हो। साथ ही, इंडिगो को किसी रूट पर जारी एकल उड़ानों को बंद करने से बचना चाहिए।"

इंडिगो सीईओ बोले- हम संकट के बाद फिर अपने पैरों पर खड़ा हो रहे

उधर, इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स ने कहा कि आपका एयरलाइन संकट के दौर के बाद एक बार फिर अपने पैरों पर खड़ा हो गया है। इंडिगो सीईओ ने वीडियो के जरिए बयान जारी कर कहा, "हम परेशानियों से गुजरे, यात्रियों को परेशानी हुई। इसके लिए हम माफी चाहते हैं। हवाई यात्रा की खुबसूरती यह है कि यह लोगों को, इमोशन और एंबीशन को साथ लाती है। हम जानते हैं कि आप अलग-अलग कारणों से यात्रा करने वाले थे, पर आप से हजारों ऐसा नहीं कर पाए। हम इसके लिए हृदय से क्षमाप्रार्थी हैं।

हम उड़ानों को रद्द करना नहीं टाल पाए। पर हम आपको आश्वस्त करना चाहते हैं कि हमारी पूरी इंडिगो टीम कड़ी मेहनत कर रही है। सबसे पहले हमारी प्राथमिकता हमारे मूल्यवान ग्राहकों को सुरक्षित तरीके से उन्हें उनके घर पहुंचना है। बड़े पैमाने पर रिफंड जारी किए जा रहे हैं। यह रोजना किया जा रहा है। हवाई अड्डों पर फंसे अधिकतर लगेज यात्रियों के घर पहुंचाए जा रहे हैं। बचे हुए बैग्स भी जल्द ही ग्राहकों के घर तक पहुंचाने की प्रक्रिया जारी है।

हम एक ग्राहक के तौर पर आपकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। लोग संकट के बाद भी हमारी सेवाओं पर भरोसा कर रहे हैं, और फ्लाइट बुक कर रहे हैं। यह हमारे लिए उत्साहवर्धक है। हमने गलतियों से सीखा है और ऐसी स्थिति क्यों बनी, इसका पूरा अध्ययन कर रहे हैं। हम सरकार के साथ भी पूरा सहयोग कर रहे हैं। हमारी क्षमा स्वीकारने और इस कठिन समय में हमारे समर्थन के लिए आप सबका धन्यवाद।"

कितनी बड़ी एयरलाइन है इंडिगो?

संकट की गहराई को समझने के लिए इंडिगो के विशाल आकार के बारे में जानना जरूरी है। यह महज एक एयरलाइन नहीं, बल्कि भारतीय एविएशन की रीढ़ है। एयरलाइन के पास 434 विमानों का बेड़ा है। इसने 920 से अधिक नए विमानों का ऑर्डर भी दे रखा है। इंडिगो हर दिन 2,200 से अधिक उड़ानें संचालित करती है। 3.2 लाख से अधिक यात्रियों को हवाई सफर करवाती है। यह 128 गंतव्यों के लिए अपनी सेवाएं देती है।

वित्त वर्ष 2025 के लिए एयरलाइन का राजस्व लगभग ₹80,803 करोड़ रुपये रहा। नवंबर 2024 से इंडिगो ने हर महीने लगातार एक करोड़ से अधिक यात्रियों को हवाई सफर कराया है। वित्त वर्ष 2025 में कुल 11.9 करोड़ यात्रियों ने इंडिगो से सफर किया, जो पिछले साल के मुकाबले 12.5% अधिक है।

एयरलाइन के लिए हालात कब और कैसे बिगड़े?

इंडिगो के लिए वर्तमान संकट अचानक नहीं आया, लेकिन बीते तीन-चार दिनों में इसमें बेतहाशा वृद्धि हुई। सबसे ज्यादा असर एयरलाइन की यूएसपी यानी 'ऑन-टाइम परफॉर्मेंस' (ओटीपी) पर पड़ा है। इससे जुड़े आंकड़े चौकाने वाले हैं। वित्तीय वर्ष 2025 में एयरलाइन ने 73.8% की ओटीपी हासिल की थी।

1 दिसंबर को ओटीपी गिरकर 50% पर आ गई। 2 दिसंबर को यह और गिरकर 35% पर पहुंच गई। 3 दिसंबर को हालात और खराब हो गए और ओटीपी 19.7% रह गई। 4 दिसंबर को एयरलाइन का सिस्टम पूरी तरह चरमरा गया और ओटीपी ऐतिहासिक निचले स्तर 8.5% पर आ गई। जानकारों के अनुसार, मुख्य कारण नए एफडीटीएल (फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन) नियमों के दूसरे चरण का लागू होना और उसके बाद क्रू (पायलट और केबिन स्टाफ) की गंभीर कमी है।

नए नियमों का इंडिगो पर ही सबसे ज्यादा असर क्यों?

टाटा समूह की एयर इंडिया या अन्य एयरलाइनों के मुकाबले इंडिगो इस संकट से ज्यादा प्रभावित क्यों हुई? इसके तीन मुख्य कारण हैं।

पहला- इंडिगो का लो-कॉस्ट मॉडल और हाई यूटिलाइजेशन। इंडिगो एक लो-कॉस्ट कैरियर है। इसका मुनाफा विमानों और क्रू के अधिकतम उपयोग पर निर्भर करता है। इसके विमान और क्रू अन्य भारतीय एयरलाइनों की तुलना में ज्यादा घंटे उड़ान भरते हैं।

दूसरा- उड़ानों की अधिक संख्या है। इंडिगो के पास अन्य एयरलाइनों की तुलना में 'हाई-वॉल्यूम नाइट फ्लाइट्स' ज्यादा हैं। 400 से अधिक विमानों के साथ यह 90 घरेलू और 45 अंतरराष्ट्रीय गंतव्यों को जोड़ती है। ऐसे में रात के समय लैडिंग पर कैप लगने से एयरलाइन बुरी तरह प्रभावित हुई।

तीसरा- लीन स्टाफिंग सिस्टम। इंडिगो कम से कम स्टाफ के साथ काम करने के मॉडल पर चलती है। इंडिगो के लिए 10% उड़ानें रद्द होने का मतलब है 230 उड़ानें, जो एक बहुत बड़ी संख्या है। वहीं, देश की दूसरी सबसे बड़ी एयरलाइन एअर इंडिया, इंडिगो की तुलना में आधे से भी कम उड़ानें संचालित करती है, इसलिए उन पर प्रभाव कम दिखता है।

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