सरकार के इस कदम से 5 रुपए गिरे प्याज के दाम, इन शहरों में भाव कम करने के लिए बनाया ये प्लान

सरकार के इस कदम से 5 रुपए गिरे प्याज के दाम, इन शहरों में भाव कम करने के लिए बनाया ये प्लान
X

केंद्र सरकार की पहल का असर अब जमीन पर दिखने लगा है. सरकारी दुकानों पर 35 रुपये किलो प्याज की बिक्री शुरू होने के बाद रिटेल मार्केट में इसकी कीमतों में गिरावट आई है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि सब्सिडी वाले प्याज बिक्री शुरू करने के चलते दिल्ली में खुदरा प्याज की कीमत 60 रुपये से घटकर 55 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई, जबकि मुंबई में 61 रुपये से घटकर 56 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है. मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चेन्नई में खुदरा प्याज की कीमत 65 रुपये से घटकर 58 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई.


रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार ने महंगाई को नियंत्रित करने के लिए 5 सिंतबर से सबसे पहले दिल्ली और मुंबई में प्याज की बिक्री शुरू की. अब वह चेन्नई, कोलकाता, पटना, रांची, भुवनेश्वर और गुवाहाटी सहित कई प्रमुख शहरों में भी इसकी बिक्री कर रही है. खास बात यह है कि मोबाइल वैन और एनसीसीएफ और नैफेड के आउटलेट के जरिए 35 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर प्याज की बिक्री की जा रही है. कहा जा रहा है कि बढ़ती मांग को देखते हुए सरकार ने सब्सिडी वाले प्याज की मात्रा बढ़ाने और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म, केंद्रीय भंडार आउटलेट और मदर डेयरी के सफल स्टोर को शामिल करने के लिए वितरण चैनलों का विस्तार करने का फैसला किया है.

4.7 लाख टन है प्याज का बफर स्टॉक

उपभोक्ता मामले विभाग मांग और मूल्य प्रवृत्तियों के आधार पर लक्षित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकारों के साथ मिलकर काम कर रहा है. मंत्रालय ने कहा कि पिछले वर्ष की तुलना में 4.7 लाख टन प्याज के बफर स्टॉक और खरीफ बुवाई क्षेत्र में वृद्धि के साथ सरकार को उम्मीद है कि आने वाले महीनों में प्याज की कीमतें नियंत्रण में रहेंगी. बढ़ी हुई खुदरा और थोक बिक्री रणनीतियों के संयोजन से कीमतों को स्थिर करने और सस्ती प्याज की व्यापक उपलब्धता सुनिश्चित करने की उम्मीद है.

प्याज के एमईपी को घटाया गया

बीते 13 सितंबर को खबर सामने आई थी कि केंद्र सरकार ने प्याज के एक्सपोर्ट को लेकर एक बड़ा फैसला लिया है. इस पर लगाए गए 550 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (MEP) की शर्त को हटा दिया गया है. यानी अब भारत से प्याज किसी भी दाम पर एक्सपोर्ट किया जा सकता है. इसके साथ ही एक्सपोर्ट पर लगी 40 परसेंट की ड्यूटी को घटाकर 20 फीसदी कर दिया गया है. इसे महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है, क्योंकि प्याज के मुद्दे पर महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और उसके सहयोगी पार्टियों को किसानों ने बड़ा झटका दिया था. इस समय भी उपभोक्ता मामले मंत्रालय के एक फैसले से प्याज उत्पादक किसानों में केंद्र सरकार के खिलाफ काफी गुस्सा है. ऐसे में उनकी नाराजगी दूर करने के लिए सरकार ने यह बड़ा दांव चला है.

Next Story