इंडिया एक्सपो सेंटर में आयोजित 19वें भारतीय फैशन ज्वैलरी एवं एक्सेसरीज शो का उद्घाटन हुआ

ग्रेटर नोएडा/दिल्ली एनसीआर - इंडिया एक्सपो सेंटर में 4 से 6 जुलाई 2025 तक आयोजित होने वाले भारतीय फैशन ज्वैलरी एवं एक्सेसरीज शो (आईएफजेएएस) के 19वें संस्करण का उद्घाटन आज हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने किया। इस अवसर पर ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार, ईपीसीएच के उपाध्यक्ष सागर मेहता, आईएफजेएएस 2025 के अध्यक्ष जे. पी. सिंह और आईएफजेएएस 2025 - के उपाध्यक्ष मोहम्मद रईस की भी गरिमामयी उपस्थिति रही। । इस अवसर पर ईपीसीएच की प्रशासन समिति के सदस्य - राज कुमार मल्होत्रा, रवि के पासी, अवधेश अग्रवाल, प्रदीप मुछाला, सिमरनदीप सिंह कोहली; लेखराज माहेश्वरी और प्रिंस मलिक भी मौजूद रहे। इस अवसर पर ईपीसीएच के कार्यकारी निदेशक आर के वर्मा और ईपीसीएच के अतिरिक्त कार्यकारी निदेशक राजेश रावत, के साथ ही बड़ी संख्या में प्रदर्शक, प्रतिभागी व्यापारिक सदस्य, प्रेस और मीडिया कर्मी भी बड़ी संख्या में मौजूद रहे।
उद्घाटन के अवसर पर बोलते हुए, ईपीसीएच के अध्यक्ष डॉ. नीरज खन्ना ने सभी प्रदर्शकों और खरीदारों को व्यवसाय के लिए शुभकामनाएं दीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह शो फैशन ज्वैलरी और फैशन एक्सेसरीज के कारोबारियों के लिए अपनी पहचान बनाने और अपने ब्रांड की पहचान को विस्तार देने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में कार्य करने की भूमिका निभाता रहा है। अपनी बात को विस्तार देते हुए उन्होंने कहा, "इस आयोजन का उद्देश् न कि केवल अल्पकालिक लेनदेन हासिल करना बल्कि आत्मविश्वास और ब्रांड लॉयल्टी का निर्माण करना है। आईएफजेएएस सीखने, उभरते रुझानों से अपडेट रहने और बाजार की रणनीतियों को समझने के लिए अपार अवसर प्रदान करता है।"
ईपीसीएच के अध्यक्ष ने भारतीय हस्तशिल्प के निर्यात के लिए अपने रणनीतिक दृष्टिकोण को रेखांकित किया, जिसका शीर्षक "3 गुना 30 तक - आत्मविश्वास, क्षमताएं, क्षमता"। यह क्षेत्रीय सशक्तीकरण, डिजिटल परिवर्तन और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा पर केंद्रित है। उन्होंने आगे बताया कि समावेशी विकास, क्षमता निर्माण और दूरदर्शी योजना के लिए यह नया प्रयास हस्तशिल्प में वैश्विक नेता के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने के लिए परिषद की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ईपीसीएच के महानिदेशक की भूमिका में मुख्य संरक्षक और आईईएमएल के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि आईएफजेएएस फैशन ज्वैलरी और एक्सेसरीज के भारत के अग्रणी निर्माताओं की विशेष विविधता युक्त खास सोर्सिंग प्लेटफॉर्म प्रदान करता है। उन्होंने जोर देकर कहा, "खरीदार पहले से ही भारतीय हस्तशिल्प में बहुत रुचि दिखा रहे हैं, कई नए आगंतुकों ने क्यूरेटेड डिस्प्ले और कारोबारी माहौल पर संतुष्टि व्यक्त की है। कई लोगों ने पिछले कुछ वर्षों में आईएफजेएएस के माध्यम से स्थापित कनेक्शनों से सोर्सिंग जारी रखने के प्रति अपनी परंपरागत स्पष्ट प्राथमिकता व्यक्त की है।"
ईपीसीएच के उपाध्यक्ष श्री सागर मेहता ने विदेशी खरीदारों से सकारात्मक प्रतिक्रिया और भारतीय शिल्प कौशल में उनकी बढ़ती रुचि पर प्रकाश ड़ाला। उन्होंने कहा," मेले के दौरान आयोजित किए जा रहे फैशन शो एक प्रमुख आकर्षण साबित होने वाले हैं, जहां मॉडल आभूषण और एसेसरीज सेक्शन में शानदार और ट्रेंड-फॉरवर्ड पीस पेश करने वाले हैं।"
आईएफजेएएस 2025 के अध्यक्ष श्री जे. पी. सिंह ने भारत की कारीगरी उत्कृष्टता का उत्सव मनाते हुए वैश्विक व्यापार संबंधों को मजबूत करने के शो के उद्देश्य पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, "इस संस्करण में अरुणाचल प्रदेश, बिहार, दिल्ली, जयपुर, जोधपुर, वाराणसी और भारत के विभिन्न हिस्सों के शिल्पकारों सहित देश भर के कारीगर उद्यमियों की भागीदारी है।" आईएफजेएएस 2025 के उपाध्यक्ष श्री मोहम्मद रईस ने भारत के विविध क्षेत्रीय शिल्प को बढ़ावा देने और कारीगरों और वैश्विक खरीदारों के बीच सार्थक जुड़ाव बनाने के लिए शो की प्रतिबद्धता दोहराई।
