आज से बदलेगा इंश्योरेंस पॉलिसी से जुड़ा नियम, होगा ये फायदा
इंश्योरेंस पॉलिसी सरेंडर से संबंधित नए गाइडलाइंस मंगलवार से लागू होने जा रहा है. ऐसा अनुमान है कि इससे बीमा का प्रीमियम बढ़ सकता है या फिर बीमा एजेंटों के कमीशन में कटौती हो सकती है. इस साल की शुरुआत में भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरडा) ने अपनी लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसीज से जल्दी बाहर निकलने वाले पॉलिसीधारकों को बेहतर रिटर्न देने के लिए ‘सरेंडर वैल्यू’ संबंधी संशोधित दिशानिर्देश पेश किए थे.
क्या है ‘सरेंडर वैल्यू’ का मतलब
इंश्योरेंस में सरेंडर वैल्यू’ का मतलब उस राशि से है जो पॉलिसी की मैच्योरिटी डेट से पहले पॉलिसी लौटाने पर बीमा कंपनी की तरफ से पॉलिसीधारक को भुगतान की जाती है. यदि पॉलिसीधारक पॉलिसी चलते समय उसे लौटाने का फैसला करता है तो उसे आय और बचत का हिस्सा दिया जाएगा. रेगुलेटर ने इंश्योरेंस कंपनियों को सरेंडर के दौरान लौटाई जाने वाली राशि तय करते समय पॉलिसी से बाहर निकलने वाले और जारी रखने वाले पॉलिसीधारकों दोनों के लिए ‘औचित्य और मूल्यपरकता’ सुनिश्चित करने की जरूरत पर जोर दिया है.
क्या होगा बदलाव
प्राइवेट सेक्टर की बीमा कंपनी के एक सीनियर अधिकारी ने कहा कि रिवाइज्ड सरेंडर चार्ज की भरपाई के लिए लाइफ इंश्योरेंस कंपनियां या तो प्रीमियम की राशि बढ़ाएंगी या फिर अपने एजेंटों के कमीशन में कटौती करेंगी. केयरएज रेटिंग्स के निदेशक गौरव दीक्षित ने कहा कि इंश्योरेंस प्रोडक्ट और कमीशन स्ट्रक्चर में महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इससे चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में प्रीमियम में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है.
अधिकांश इंश्योरेंस कंपनियों ने इन प्रावधानों को पूरा करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव की तैयारी कर ली है. इनमें से अधिकांश कंपनियों के पास जीवन बीमा दिग्गज एलआईसी की तुलना में सीमित संख्या में पॉलिसी हैं. वहीं एलआईसी को नियामक के निर्देशों को पूरा करने के लिए अपनी नीतियों में बदलाव का एक बड़ा काम करना है.