जीएसटी 3बी: बिल समाधान प्रणाली में आ रही हैं कई परेशानियां, दुखी हो रहे व्यापारी
पूरे देश में इसी महीने केंद्र सरकार द्वारा लागू की गई बिल समाधान प्रणाली में कई दिक्कतें आ रही हैं। कर सलाहकारों का कहना है कि अक्टूबर का जीएसटी 3बी भरने में परेशानी आ रही है। इसमें कभी डाटा सेव नहीं होता, तो कभी पोर्टल बंद हो जाता है।इस बिल प्रबंधन प्रणाली में पुराने माह के कुछ बिल भी दिख रहे हैं, जिस कारण कर सलाहकार असमंजस में हैं कि उनका क्या करें? इन हालात के बीच व्यापारी चिंता में है, कहीं उन पर किसी तरह की पेनाल्टी न लगा दी जाए।
जीएसटी: यहां आ रही समस्या
एक नया परिवर्तन जीएसटीएन (जीएसटी नेटवर्क) ने यह किया है कि तिमाही विवरणी भरने वाले व्यापारियों के लिए प्रतिमाह उपलब्ध होने वाली 2बी की सुविधा बंद कर दी है एवं उन्हें कहा जा रहा है कि वह बिल प्रबंधन प्रणाली के अनुसार ही देखकर अपनी मासिक कर दायित्व का भुगतान करें।सलाहकार यह नहीं समझ पा रहे हैं कि जब पहले 2बी सुविधा दी जाती थी तो इस नई व्यवस्था आने के बाद उसको क्यों बंद किया जा रहा है?
ऐसा लगता है कि जीएसटी नेटवर्क सरकार के नियंत्रण से बाहर है। वह जीएसटी कानून के अनुसार ना चलकर अपने हिसाब से पोर्टल पर बदलाव करता रहता है, जिसके कारण कर सलाहकारों को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अमित मेहता
आयकर की नजर में सभी खर्च, कैश ट्रांजेक्शन पर मिल सकता है नोटिस
‘आईटी के युग में जब आपका मोबाइल और आधार के साथ बैंक खाते भी लिंक हो चुके हैं, ऐसे में आपके द्वारा किया गया कोई खर्च आयकर विभाग व सरकार से छुपा नहीं है।’
उन्होंने कहा कि भारी नकदी के व्यवहार व ट्रांजेक्शन परेशानी में डाल सकते हैं। ऐसे में आयकर के नोटिस का जोखिम बढ़ जाता है।
सीए नितेश ने कहा कि यदि कैश ट्रांजेक्शन में ब्लैक मनी या मनी लॉन्ड्रिंग की आशंका होती है तो आयकर विभाग के अलावा ईडी व अन्य जांच एजेंसियां भी नोटिस जारी कर सकती है। संपत्ति की खरीद के लिए कैश ट्रांजेक्शन, किसी करदाता के यहां किसी अन्य के कैश ट्रांजेक्शन मिलने, बैंक खातों से बड़ा कैश निकालने या जमा करने पर भी आयकर की नजर होती है।