मिनरल एक्सप्लोरेशन, ऑक्शन, नीतियों के सरलीकरण और नवाचारों से राजस्थान का माइनिंग सेक्टर लिख रहा प्रगति की नित नई इबारत

मिनरल एक्सप्लोरेशन, ऑक्शन, नीतियों के सरलीकरण और नवाचारों से राजस्थान का माइनिंग सेक्टर लिख रहा प्रगति की नित नई इबारत
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जयपुर/भीलवाड़ा, । राजस्थान सरकार के दो साल के कार्यकाल में मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में माइनिंग सेक्टर में राजस्थान ने मिनरल एक्सप्लोरेशन, ऑक्शन, नीतियों के सरलीकरण और नवाचारों सहित सभी क्षेत्रों में प्रगति की नई इबारत लिखी है। माइनिंग सेक्टर में राजस्थान रेकिंग में दूसरे नंबर पर आ गया है तो मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी में भी दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। माइनिंग सेक्टर से नई सरकार के कार्यकाल में रेकार्ड 17,778 करोड़ रु. का राजस्व अर्जित किया है। आवश्यक सभी अनुमतियां प्राप्त कर खनिज ब्लॉकों के नीलामी के प्री-एम्बेडेड 8 ब्लॉकों की नीलामी प्रक्रिया आरंभ कर राजस्थान देश का अग्रणी प्रदेश बन गया है। अब राजस्थान माइनिंग सेक्टर में खनिज खोज में आर्टिफिसियल इंटेलिजेंस मशीन लर्निंग (एआईएमएल) के उपयोग और खनिज डम्प्स और टेलिंग्स में स्ट्रेटेजिक व क्रिटिकल मिनरल्स की खोज की दिशा में नवाचार करने जा रहा है।

राज्य सरकार के दो साल के कार्यकाल में माइनिंग सेक्टर में राजस्थान को अग्रणी प्रदेश बनाने के लिए योजनावद्ध प्रयास किये गये और राज्य सरकार ने पहले साल में ही निवेशोन्मुखी सरलीकृत राजस्थान खनिज नीति-2024, राजस्थान एम.सेण्ड नीति-2024 और राजस्थान सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन नीति-2025 जारी कर माइनिंग सेक्टर के सस्टेनेबल विकास की राह प्रशस्त की। राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना रिप्स में सहायता प्रावधान किए गए हैं। प्रदेश से मेजर मिनरल के 112 ब्लॉकों की सफल नीलामी की जा चुकी है। इनमें से 73 मेजर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी वर्तमान सरकार के दो साल के कार्यकाल में हुई है। इसी तरह से 1209 माइनर मिनरल ब्लॉकों की नीलामी में भी नया रेकार्ड बनाया गया है।

नई खनिज नीति के क्रियान्वयन से प्रदेश की जीडीपी में वर्तमान 3.4 प्रतिशत की भागीदारी को 2029-30 तक 5 प्रतिशत और 2046-47 तक 6-8 प्रतिशत तक बढ़ाने का लक्ष्य है। खनिज क्षेत्र से सालाना राजस्व को एक लाख करोड़ करने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ने पर जोर दिया गया है। इसी तरह से खनिज क्षेत्र में करीब 35 लाख लोगों के प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों को बढ़ाकर एक करोड़ तक करना है। इसके साथ ही प्रदेश में सस्टेनेबल माइनिंग, स्ट्रेटेजिक व क्रिटीकल मिनरल्स के एक्सप्लोरेशन और माइनिंग के साथ ही पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक दायित्व सहित गुड गवर्नेंस के मूल सिद्धांतों का समावेश किया गया है।

माइनिंग सेक्टर में राज्य सरकार के दो साल के नित नए नवाचारों के साथ ही केन्द्र सरकार के क्रिटिकल मिनरल मिशन का राजस्थान प्रमुख हिस्सेदार प्रदेश बन गया है। राजस्थान में रेयर अर्थ एलिमेंट, लिथियम, टंगस्टन, नायोबियम, टिन, जिरकोनियम, रुबिडियम, ग्रेफाइट एवं फास्फोराइट आदि प्रमुख क्रिटिकल एवं स्ट्रेटेजिक मिनरल्स के डिपोजिट्स अच्छी मात्रा में है। भारत सरकार ने ई-नीलामी की प्रक्रिया भी आरंभ कर दी है। प्रदेश के बाड़मेर के सिवाणा रिंग, जालौर व नागौर में दुर्लभ व आज के समय में महत्वपूर्ण रेयर अर्थ एलमेंट आरईई के भण्डार मिले हैं। पोटाश के हनुमानगढ़-श्रीगंगानगर बेल्ट में डिपोजिट्स मिले है। नागौर में टंगस्टन के भण्डार है।

इसी तरह से नीलाम खानों को शीघ्र परिचालन में लाने के लिए एलओआईधारकों और संबंधित विभागों के बीच समन्वय व सहयोग के लिए पोस्ट ऑक्शन फेसिलिटेशन सेल स्थापित कर सहयोग की दिशा में कदम बढ़ाये हैं। राजस्थान को कोणार्क में आयोजित समारोह में केन्द्र सरकार द्वारा पुरस्कृत कर गौरवान्वित किया गया है। स्टेट माइनिंग रेडीनेस इंडेक्स में भी राजस्थान ने दूसरा स्थान हासिल कर लिया है। केन्द्र सरकार की स्टार रेटिंग में भी राजस्थान की पांच खानों ने स्थान बनाकर पुरस्कार प्राप्त किया है। माइनिंग सेक्टर में लगातार प्रक्रिया के सरलीकरण, औद्योगिक निवेश, रोजगार के बेहतर अवसर और राजस्व बढ़ोतरी के समन्वित प्रयास किये जा रहे हैं। माइनिंग सेक्टर को पेपरलेस बनाने, मोबाइल और इंटरनेट सेवी बनाने की दिशा में आगे बढ़ रही है। पेपरलेस कार्य संस्कृति की और कदम बढ़ाते पंचनामा, निरीक्षण के मोबाईल एप, ई रवन्ना, ई पेमेन्ट, कॉन्ट्रेक्टर रजिस्ट्रेशन, एलआईएस, माइनिंग प्लान, विभागीय बकाया, नोड्यूज, डिमाण्ड आदि विभागीय गतिविधियों के मॉड्यूल पर कार्य आरंभ किया गया हैं। इसके साथ ही चरणबद्ध तरीके से माइनिंग सेक्टर में तुलाई कांटे (वे-ब्रिज) ऑटोमेशन और व्हीकल ट्रेकिंग सिस्टम का कार्य शुरु किया गया है।

राइजिंग राजस्थान 2024 के दौरान खनन एवं पेट्रोलियम सेक्टर से संबंधित करीब एक लाख करोड़ रु. राशि के 303 हस्ताक्षरित एमओयू अनुमोदित किये गये जिसमें से 35 हजार करोड़ रु. राशि के एमओयू की ग्राउण्ड ब्रेकिंग कराने के साथ ही कार्य प्रगति जारी है। निवेशकों से लगातार संवाद कायम है और ग्राउण्ड ब्रेकिंग के प्रयास जारी है।

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