Toll Tax नियमों में बड़ा बदलाव: न तो गाड़ी बेच पाएंगे और न ही किसी और के नाम ट्रांसफर कर पाएंगे

न तो  गाड़ी बेच पाएंगे और न ही  किसी और के नाम ट्रांसफर कर पाएंगे
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सरकार ने सभी चार पहिया वाहनों के लिए कड़ा कदम उठाया है। नए नियमों के अनुसार, यदि आपके वाहन पर टोल टैक्स का कोई बकाया है, तो आप न तो अपनी गाड़ी बेच पाएंगे और न ही उसका नाम किसी और के नाम ट्रांसफर कर पाएंगे।

सड़क परिवहन मंत्रालय ने यह स्पष्ट किया है कि गाड़ी का ट्रांसफर या बिक्री तभी संभव होगी जब सभी टोल टैक्स के बकाए का भुगतान पूरी तरह हो चुका हो। वाहन के आरसी (रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट) को ट्रांसफर करने से पहले परिवहन विभाग बकाया राशि की जांच करेगा। यदि फास्टैग खाते में कोई पेंडिंग अमाउंट है, तो ट्रांसफर प्रक्रिया को रोका जाएगा।इस कदम का उद्देश्य टोल टैक्स चोरी को रोकना और पुराने बकाए की वसूली को सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, टोल टैक्स बकाया रखने वाले वाहनों के लिए 30 दिनों के भीतर इलेक्ट्रॉनिक चालान भी जारी किए जाएंगे, जिनमें वाहन नंबर, बकाया राशि और भुगतान की अंतिम तिथि की जानकारी होगी।



यदि समय पर भुगतान नहीं किया गया तो उस चालान के साथ जुर्माना भी लगाया जाएगाअगर बकाया राशि का भुगतान नहीं किया जाता है तो वाहन मालिक को ना तो एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) मिलेगा, ना आरसी ट्रांसफर होगा और न ही नए दस्तावेज जारी किए जाएंगे। इससे वाहन मालिकों पर टोल टैक्स का भुगतान करने का दबाव बढ़ेगा और ट्रांसफर या बिक्री प्रक्रिया में बाधा आएगी।

इस नई व्यवस्था से न केवल टोल टैक्स की वसूली प्रभावी होगी, बल्कि सड़क परिवहन के क्षेत्र में पारदर्शिता और अनुशासन भी बढ़ेगा। इसलिए वाहन मालिकों के लिए सलाह है कि वे समय पर टोल टैक्स का भुगतान सुनिश्चित करें ताकि भविष्य में किसी भी तरह की दिक्कत का सामना न करना पड़े।

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