खाने-पीने की चीजों के बढ़े दाम, थोक महंगाई दर 0.52% पर

खाने-पीने की चीजों के बढ़े दाम, थोक महंगाई दर 0.52% पर
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नई दिल्ली। बरसात के मौसम में रोजमर्रा की चीजों के दाम बढ़ने से अगस्त 2025 में थोक महंगाई दर (WPI आधारित) 0.52% पर पहुंच गई। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, लगातार दो महीने नकारात्मक रहने के बाद थोक महंगाई अब सकारात्मक हो गई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि सीमित स्तर की महंगाई उद्योग और कारोबार के लिए सकारात्मक संकेत मानी जाती है। अगस्त में कीमतों में बढ़ोतरी का असर खाद्य उत्पादों, गैर-खाद्य वस्तुओं, विनिर्माण उत्पादों, गैर-धात्विक खनिजों और परिवहन उपकरणों में सबसे ज्यादा दिखा।

खुदरा महंगाई भी बढ़ी

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) के अनुसार, अगस्त 2025 में खुदरा महंगाई 2.07% रही, जो जुलाई की तुलना में 46 आधार अंक ज्यादा है। हालांकि यह अभी भी RBI की 2-6% की तय सीमा में है। जुलाई में खुदरा महंगाई 1.55% तक गिर गई थी, जो जून 2017 के बाद सबसे निचला स्तर था।

खाद्य मुद्रास्फीति का असर

उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक (CFPI) अगस्त 2025 में -0.69% रहा। ग्रामीण क्षेत्रों में यह -0.70% और शहरी क्षेत्रों में -0.58% दर्ज हुआ। इसके बावजूद सब्जियों, मांस, मछली, तेल, वसा और अंडों की बढ़ी कीमतों ने हेडलाइन महंगाई को ऊपर खींचा। मंत्रालय के मुताबिक अगस्त में महंगाई सबसे ज्यादा केरल, कर्नाटक, जम्मू-कश्मीर, पंजाब और तमिलनाडु में दर्ज की गई।

RBI की नीति और अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा है। फरवरी 2025 में पांच साल बाद पहली बार दर में कटौती की गई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि GST सुधार और स्थिर मौद्रिक नीति ने महंगाई को काबू में रखने में मदद की है।

RBI ने 2025-26 के लिए महंगाई का अनुमान 4% से घटाकर 3.7% कर दिया है। इससे संकेत मिलता है कि आने वाले महीनों में मूल्य स्थिरता बनी रह सकती है और महंगाई पर और काबू पाने की संभावना मजबूत है।



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