खाने-पीने की चीजें और ज्यादा महंगी, जून में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 5.08 फीसदी हुई
महंगाई से परेशान जनता के लिए शुक्रवार को बुरी खबर सामने आई है. दरअसल पिछले महीने टमाटर-प्याज और दाल जैसी खान-पान की चीजों के दाम बढ़ जाने से महंगाई दर में तेजी आई है. जून के महीने में खुदरा महंगाई दर एक बार फिर 5 फीसदी के पार जा पहुंची है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, जून 2024 में खुदरा महंगाई दर 5.08 फीसदी रही है जो मई 2024 में 4.80 फीसदी रही थी. महीने दर महीने के आधार पर खाद्य महंगाई दर में इजाफा देखने को मिला है और ऐसे में महंगाई दर जून महीने में 4 महीने के हाई पर पहुंच गया है.
नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस ने जून महीने के लिए खुदरा महंगाई दर के आंकड़े घोषित किए हैं. डेटा के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की कीमतों में उछाल के चलते खुदरा महंगाई दर 5.08 फीसदी रही है जो मई में 4.75 फीसदी रही थी जिसे अब रिवाइज कर 4.80 फीसदी कर दिया गया है. एक साल पहले जून 2023 में खुदरा महंगाई दर 4.87 फीसदी रही थी. जून महीने में खाद्य महंगाई दर 9.36 फीसदी रही है जो मई में 8.83 फीसदी रही थी. जून 2023 में खाद्य महंगाई दर 4.31 फीसदी रही थी
देश के कई इलाकों में तेज बारिश के चलते सब्जियों की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है जिसके चलते साग-सब्जियां महंगी हुई है. जून में सब्जियों की महंगाई दर 29.32 फीसदी रही है जो मई में 27.33 फीसदी रही थी. दालों की महंगाई दर जून में 16.07 फीसदी रही है जो मई में 17.14 फीसदी रही थी. जून में दालों की महंगाई में मामूली कमी आई है. जून में फलों की महंगाई दर 7.1 फीसदी रही है जो मई में 6.68 फीसदी रही थी. अनाज और उससे जुड़े प्रोडक्ट्स की महंगाई दर 8.75 फीसदी रही है जो मई में 8.69 फीसदी रही थी. चीनी की महंगाई दर 5.83 फीसदी रही है जो मई में 5.70 फीसदी रही थी. अंडों की महंगाई दर में गिरावट आई है और ये 3.99 फीसदी रही है जो मई में 7.62 फीसदी रही थी.
खुदरा महंगाई दर को कंट्रोल करने की जिम्मेदारी सरकार ने केंद्रीय बैंक को दी है. सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को यह सुनिश्चित करने का काम सौंपा है कि सीपीआई मुद्रास्फीति दोनों तरफ 2 प्रतिशत के मार्जिन के साथ 4 प्रतिशत पर बनी रहे. लेकिन खुदरा महंगाई दर फिर से 5 फीसदी के ऊपर चला गया है. ऐसे में आरबीआई की ओर से पॉलिसी रेट्स में कटौती की संभावनाओं पर भी ब्रेक लग गया है. गुरुवार को ही आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि महंगाई दर अभी भी चुनौती है बनी हुई है और ये टारगेट से ज्यादा है