Vedanta के शेयरों में भारी गिरावट, निवेशकों को डाला चिंता में

अनिल अग्रवाल की खनन कंपनी वेदांता लिमिटेड के शेयरों में आज भारी गिरावट देखी गई. कारोबार के दौरान शेयर करीब 8% गिरकर 420.65 रुपये तक आ गया, जो हाल ही में बना 461.50 रुपये के स्तर से काफी नीचे है. हालांकि बाद में थोड़ी रिकवरी हुई. कंपनी का 52 हफ्तों का उच्चतम स्तर 526.95 रुपये और न्यूनतम स्तर 363 रुपये है. इस गिरावट का असर वेदांता की सहयोगी कंपनी हिंदुस्तान ज़िंक पर भी पड़ा, जिसके शेयर लगभग 5% गिरे.
यह गिरावट वायसराय रिसर्च नाम की एक विदेशी रिसर्च फर्म की रिपोर्ट के बाद आई है. रिपोर्ट में कहा गया है कि वेदांता की मूल कंपनी वेदांता रिसोर्सेज खुद को बचाए रखने के लिए वेदांता से ही पैसे निकाल रही है और उसकी पूरी रणनीति एक “पोंजी स्कीम” जैसी दिखती है. रिपोर्टस के मुताबिक वेदांता रिसोर्सेज का खुद का कोई मजबूत कारोबार नहीं है और वह केवल अपनी भारतीय कंपनी से पैसे लेकर अपने खर्च चला रही है.
capital expenditure दिखाकर मुनाफा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि वेदांता की कुछ सहयोगी कंपनियां अपने खर्चों को पूंजीगत खर्च (capital expenditure) दिखाकर मुनाफा ज्यादा दिखाती हैं. साथ ही, वेदांता रिसोर्सेज पर भारी कर्ज भी है और वह बिना वेदांता से पैसे लिए ज़िंदा नहीं रह सकती.
निवेशकों में चिंता बढ़ी
एक और वजह है वेदांता का restructure योजना, जिसके तहत कंपनी को 5 अलग-अलग हिस्सों में बांटा जाना है. इस पर NSE से तो मंजूरी मिल चुकी है, लेकिन अभी एनसीएलटी (NCLT) से अंतिम अनुमति मिलनी बाकी है. हाल ही में हुई सुनवाई में पेट्रोलियम मंत्रालय ने इस योजना की समीक्षा के लिए और समय मांगा है, जिससे निवेशकों में और चिंता बढ़ी है.
