कपड़े समेत ये प्रोडक्ट्स हो सकते है महंगे!: बांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंका

भीलवाड़ा . पड़ोसी मुल्कबांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंकाबांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंकाबांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंकाबांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंकाबांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंकाबांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंकाबांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंकाबांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंकाबांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंकाबांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंकाबांग्लादेश में फैली हिंसा और तनाव का असर भीलवाड़ा सहित भारत के कारोबार पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। इससे दोनों देशों के बीच होने वाले आयात—निर्यात भी प्रभाव पड़ सकता हैं। हिंसा और उपद्रव के बीच बांग्लादेश में उद्योग लंबे समय से बंद है,वह अन्य देशों में माल की आपूर्ति करने से बच रहे है। अगर लंबे समय तक ऐसी स्थिति बनी रहती है तो भीलवाड़ा के कपड़ा उधोग को बड़ा झटका लग सकता हे इसके आलावा भारत में कई उत्पादों के कीमतों पर असर पड़ सकता है।
दरअसल, उच्च गुणवत्ता के रेडीमेड गारमेंट तैयार करने के लिए बांग्लादेश जाना जाता है। सस्ती लेबर और कच्चे माल की बांग्लादेश में पर्याप्त उपलब्धता है। इसलिए वहां तैयार होने वाले कपड़ों की फिनिशिंग और गुणवत्ता दुनिया में बेहतर मानी जाती है। इसलिए कई नामी कंपनियों के कपड़े बांग्लादेश में ही बनते हैं। भारत के भी तमाम बड़े ब्रांड बांग्लादेश में कपड़े तैयार कराते हैं या फिर वहां से कच्चा माल उठाकर लाते हैं और फिर उसे तैयार कराते हैं।कपड़ों के अलावा भारत बांग्लादेश से मसाले, जूट,प्राकृतिक रबर, खाद्य तेल, सब्जी तेल, व समुद्री उत्पाद का आयात करता है। जबकि भारत भी 6052 कमोडिटी का निर्यात करता है। इसमें चावल, रुई, पेट्रोलियम उत्पाद, सूती कपड़ा, गेहूं और गेहूं से बने उत्पाद, मसाले, सब्जी, चीनी, फल, खाद्य तेल व अन्य उत्पाद शामिल है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में भारत ने बांग्लादेश को 1220 करोड़ डॉलर का निर्यात किया है।
व्यापारियों का कहना है कि, हिंसा के बाद से कुछ उत्पादों के आयात और निर्यात में असर दिखा रहा है। क्योंकि बांग्लादेश में फैक्ट्रियों व मंडियों से कंटेनर डिपो (बंदरगाह) माल पहुंचाने में परेशानी हो है। उसी तरह से जो माल यहां से भेजा (निर्यात) जा रहा है, उसका उठान भी पूरी मात्रा में नहीं हो रहा है। अगर यही स्थिति बनी रहती है तो कुछ उत्पादों की कीमतों पर असर देखने को मिल सकता है।
भारत द्वारा बांग्लादेश को होने वाला निर्यात
उत्पाद मूल्य (करोड़ डॉलर)
सूती धागा 102
पेट्रोल उत्पाद 81.6
सूती कपड़े और तैयार कपड़ा 54.1
रेडीमेट सूती कपड़े 51
सूते कपड़े एवं तैयार कपड़े 15.3
फाइबर 14.2
मसाले 12.5
जूट 10.3
अन्य उत्पाद 117
इंजीनियरिंग गुड्स (अप्रैल-नवंबर 2023) 148
