आम बजट से संभावना: नई कर प्रणाली को बनाया जाएगा आकर्षक,मानक कटौती की सीमा 75 हजार से बढ़ा कर एक लाख संभव
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार देश में लोगों को राहत पहुंचाने के लिए पुरानी कर प्रणाली को पूरी तरह समाप्त करने की तैयारी में है इस ईरादे से सरकार आम बजट में नई कर प्रणाली को करदाताओं के लिए और आकर्षक बनाने जा रही हैं। सरकार की योजना नई प्रणाली में नए टैक्स स्लैब जोड़ने, आयकर मुक्त आय की सीमा के साथ मानक कटौती की सीमा में भी बढ़ोतरी करने की है। सरकार इसी आम बजट में पुरानी कर प्रणाली को आगामी वित्तीय वर्ष या इसके एक साल बाद खत्म करने पर भी विचार कर रही है।सरकारी सूत्रों के मुताबिक, साल 2020 के आम बजट में पुरानी कर प्रणाली को ही खत्म करने के लिए नई कर प्रणाली की शुरुआत की गई थी। तब सरकार की योजना इस प्रणाली के जरिये कर अदायगी को आसान बनाने के साथ-साथ पुरानी कर प्रणाली से मुक्ति पाने की थी। शीर्ष स्तर पर इसी आम बजट में पुरानी कर प्रणाली को खत्म करने की संभावनाओं पर विचार किया जा रहा है। सरकारी सूत्र का कहना है कि अगर इस आम बजट में इस आशय की घोषणा नहीं हुई तो अगले साल पेश होने वाले आम बजट में निश्चित रूप से पुरानी कर प्रणाली को खत्म करने की घोषणा की जाएगी।
घाटा कम करने पर भी ध्यान
आम बजट के प्रावधानों के जरिये सरकार का ध्यान वित्तीय घाटे को कम और नियंत्रित करने की भी है। वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए वित्तीय घाटे का लक्ष्य 4.9 फीसदी निर्धारित किया गया था। इस आम बजट में इसे 4.5 फीसदी तक नियंत्रित रखने का नया लक्ष्य तय किया जा सकता है।
इस बार के बजट में करदाताओं के लिए क्या?
आम बजट में सरकार का फोकस नई कर प्रणाली है। सरकार कर मुक्त आय का दायरा बढ़ाने और 20 प्रतिशत कर के दायरे को 12-15 लाख से बढ़ा कर 12-20 लाख करने पर विचार कर रही है। इसके अलावा सरकार की योजना मानक कटौती का दायरा 75 हजार रुपये से बढ़ा कर एक लाख रुपये करने की है।
गौरतलब है कि बीते साल जुलाई में पेश मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल के पूर्ण बजट में कर मुक्त आय (3 लाख) की सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया था। हालांकि तब 5 फीसदी आय कर वाले स्लैब को 3 से 6 लाख से बढ़ा कर 3 से 7 लाख रुपये कर दिया गया था। तब मानक कटौती का दायरा 50 हजार से बढ़ा कर 75 हजार रुपये किया गया था।
वेतन आयोग गठित करने के फैसले से भी मिला संकेत
कर राहत का संकेत सरकार के बृहस्पतिवार को अचानक 8वां वेतन आयोग गठित करने के फैसले से भी मिला। अगले साल आयोग की रिपोर्ट लागू होने के बाद केंद्रीय कर्मियों के वेतन में 30 से 40 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान है। ऐसे में बिना कर राहत के केंद्रीय कर्मियों को कोई विशेष लाभ नहीं होगा। इसके अलावा बीते लोकसभा चुनाव में औसत प्रदर्शन के बाद सरकार ने मध्य वर्ग और निम्न मध्य वर्ग को राहत देने की योजना बनाई थी।