त्योहारी सीजन में कपड़ा कारोबारियों को झटका: 2500 से अधिक की खरीद पर 18% GST जारी, बाजार में सुस्ती की आशंका

त्योहारी सीजन में कपड़ा कारोबारियों को झटका: 2500 से अधिक की खरीद पर 18% GST जारी, बाजार में सुस्ती की आशंका
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त्योहारों के मौसम में कपड़ा बाजार में रौनक लौटने की उम्मीद कर रहे व्यापारियों को बड़ा झटका लगा है। जीएसटी परिषद ने कपड़ा कारोबार में टैक्स संरचना में कोई राहत नहीं दी है। अब 2500 रुपए से अधिक की कपड़ा खरीदी पर 12 की जगह 18 प्रतिशत जीएसटी ही देना होगा।

💸 ग्राहकों और व्यापारियों दोनों की चिंता बढ़ी

कपड़ा व्यापारियों का कहना है कि इस निर्णय से बाजार पर सीधा असर पड़ेगा। पहले ही महंगाई के चलते ग्राहक बड़ी खरीदारी से बच रहे थे, अब बढ़े जीएसटी ने उनकी जेब और ढीली कर दी है। त्योहारी सीजन में लोग जहां नए कपड़ों की खरीदारी की योजना बना रहे थे, वहीं अब 18 प्रतिशत टैक्स से बजट बिगड़ गया है।

🏬 बाजार में बिक्री घटने की आशंका

भीलवाड़ा सहित देशभर के टेक्सटाइल हब में व्यापारी इस फैसले से खासे निराश हैं। उनका कहना है कि त्योहारों के समय कपड़ा कारोबार सालभर के मुकाबले सबसे ज्यादा होता है, लेकिन अब ग्राहक हिचकिचा रहे हैं। उच्च वर्गीय उपभोक्ता भी कहते हैं कि बढ़े टैक्स ने त्योहार की चमक फीकी कर दी है।

📉 कारोबारियों की मांग — सभी कपड़ों पर सिर्फ 5% जीएसटी

छोटे और मध्यम वर्गीय व्यापारियों ने सरकार से मांग की है कि सभी श्रेणी के कपड़ों पर 5 प्रतिशत जीएसटी लागू किया जाए। उनका कहना है कि इससे न केवल ग्राहकों को राहत मिलेगी, बल्कि बाजार में खरीदारी बढ़ेगी और उत्पादन पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा।

🗣️ कपड़ा कारोबारी बोले — राहत सीमित, असर गहरा

कपड़ा व्यापारी कमल चांडक ने कहा, “सरकार ने मध्यम वर्ग को राहत देने की कोशिश की है, जो स्वागत योग्य है, लेकिन उच्च वर्ग को जीएसटी में कोई राहत नहीं मिली है। इसका सीधा असर त्योहारी बिक्री पर दिखेगा।”

त्योहारी सीजन में जहां दुकानदार बिक्री बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे थे, वहीं बढ़े टैक्स ने बाजार की रफ्तार पर ब्रेक लगा दी है। अब सबकी निगाहें केंद्र सरकार पर हैं कि क्या वह आगामी समीक्षा बैठक में इस फैसले पर दोबारा विचार करेगी।

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