चांदी जायेगी 2 लाख के पार! इतनी हो चुकी है 6 महीने में महंगी

चांदी  जायेगी  2 लाख के पार!  इतनी हो चुकी है 6 महीने में महंगी
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पिछले कुछ महीनों में सिल्वर (चांदी) ने सोने को टक्कर देते हुए बेहतर रिटर्न दिया है। इस वजह से चांदी की मांग तेजी से बढ़ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले दिनों में सिल्वर की कीमतें और बढ़ेंगी और यह सोने की कीमतों से भी आगे निकल सकती है। आइए जानते हैं चांदी की कीमत में संभावित बढ़ोतरी के बारे में। हाल ही में भारतीय बाजार में चांदी की कीमत पहली बार 1,14,000 रुपए प्रति किलो के पार पहुंच गई है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि निकट भविष्य में यह कीमत 1,40,000 रुपए प्रति किलो तक जा सकती है, जबकि 2026 तक 2,00,000 रुपए प्रति किलो के स्तर को छू सकती है।

ऑगमोंट रिसर्च के हेड रेनीषा चैनानी का कहना है कि चांदी की कीमतें जल्द ही 1,20,000 रुपए प्रति किलो के आसपास आ सकती हैं और 2026 तक 2 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती हैं। इसके पीछे इंडस्ट्रियल मांग में बढ़ोतरी, बेहतर आर्थिक हालात और निवेशकों की रुचि सबसे बड़े कारण हैं। खासकर त्योहारों के सीजन में चांदी के आभूषण और बर्तन बनाने की मांग मजबूत बनी रहती है।

इस साल चांदी की कीमत में अब तक 30% से ज्यादा की वृद्धि हो चुकी है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में यह 14 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। सितंबर 2011 के बाद पहली बार चांदी $39 प्रति ट्रॉय औंस से ऊपर गई है, जिससे पुराने रेसिस्टेंस स्तर टूट गए हैं। पृथ्वीफिनमार्ट के कमोडिटी एक्सपर्ट मनोज कुमार जैन के मुताबिक, चांदी की दोहरी भूमिका — कीमती धातु और औद्योगिक धातु — इसकी मजबूत मांग का बड़ा कारण है। चांदी की मांग और आपूर्ति में कमी भी इसका एक बड़ा कारण है, जो 2025 तक 700 मिलियन औंस से ज्यादा हो सकती है।

चांदी की बढ़ती मांग का सबसे बड़ा कारण औद्योगिक उपयोग में तेजी है, खासकर ग्रीन एनर्जी सेक्टर में। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक वाहन और इलेक्ट्रॉनिक्स में चांदी का इस्तेमाल बढ़ रहा है। इसके अलावा, महंगाई से बचाव के लिए भी निवेशक चांदी को पसंद कर रहे हैं। भारत में चांदी के ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) की लोकप्रियता भी बढ़ रही है, जो अब 1,200 मीट्रिक टन से ऊपर पहुंच गए हैं।

2026 तक 2 लाख रुपए प्रति किलो पहुंच सकती है चांदी

अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी फिलहाल $39 प्रति ट्रॉय औंस से ऊपर कारोबार कर रही है। विशेषज्ञों का अनुमान है कि यह $42 प्रति औंस तक जा सकती है, जो भारतीय बाजार में लगभग 1,20,000 रुपए प्रति किलो बनता है। लंबी अवधि में यह कीमत $50 प्रति औंस (लगभग 1,40,000 रुपए प्रति किलो) तक पहुंच सकती है। 2029 के अंत तक चांदी की कीमत 1,80,000 से 2,00,000 रुपए प्रति किलो तक भी जा सकती है। रेनीषा चैनानी के अनुसार, त्योहारों के समय घरेलू खपत मजबूत रहने के साथ-साथ औद्योगिक मांग और निवेशकों की रुचि से चांदी की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी।

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