राजस्थान में मिलावटी घी का जाल, एमपी में बन रहा नकली ‘देसी घी’ कर रहा लोगों की सेहत से खिलवाड़

राजस्थान में मिलावटी घी का जाल, एमपी में बन रहा नकली ‘देसी घी’ कर रहा लोगों की सेहत से खिलवाड़
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राजस्थान की रसोइयों में पहुंच रहा जहरीला घी अब जनस्वास्थ्य के लिए खतरा बन चुका है। मध्य प्रदेश के इंदौर में चल रही दो बड़ी फैक्ट्रियों से तैयार किया जा रहा मिलावटी देसी घी राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में धड़ल्ले से बेचा जा रहा है। खाद्य एवं औषधि प्रशासन विभाग ने दो दिन में दो अलग-अलग जगहों पर छापेमारी कर हजारों लीटर मिलावटी घी जब्त किया है, जिससे बड़े पैमाने पर चल रहे इस गोरखधंधे का खुलासा हुआ।जांच में यह भी सामने आया है कि यह घी राजस्थान के झालावाड़, कोटा, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जैसे सीमावर्ती जिलों तक पहुंच रहा है। इस मिलावटी घी के सेवन से लोगों में लीवर और पेट संबंधी बीमारियां बढ़ने का खतरा है।

कार्रवाई के दौरान जांच टीम को ब्रांडेड कंपनियों जैसे अमूल, सांची, नोवा और मालवा के रेपर मिले, जिनका उपयोग नकली घी को असली बताने के लिए किया जा रहा था। विभाग की जांच में सामने आया कि वनस्पति तेल में एसेंस और केमिकल मिलाकर उसे घी की तरह तैयार किया जाता है ताकि उसमें देसी घी जैसी खुशबू आ सके।

दो दिन में दो बड़ी कार्रवाइयां

29 अक्टूबर को श्रीराम मिल्क एंड फूड डेयरी, पालदा में की गई कार्रवाई में 3,400 लीटर मिलावटी घी जब्त किया गया। वहीं 30 अक्टूबर को पल्हर नगर क्षेत्र में 600 लीटर घी और तेल जब्त किया गया। कार्रवाई के दौरान 27 डिब्बे वनस्पति, 13 डिब्बे तेल, 3 डिब्बे घी, 5 बोतल एसेंस और लगभग 350 नामी ब्रांड के नकली रेपर बरामद किए गए।

खाद्य अधिकारी मनीष स्वामी ने बताया कि मिलावटी घी का यह नेटवर्क मुख्य रूप से महाराष्ट्र और राजस्थान के ग्रामीण इलाकों में सक्रिय है। शहरों में इसकी आपूर्ति कम होती है, लेकिन कई बड़े आयोजनों में कैटरर्स ऐसे सस्ते घी का इस्तेमाल कर रहे हैं। अब उनसे भी पूछताछ शुरू की गई है।

कमाई के लालच में चल रहा जहर का कारोबार

शुद्ध घी की ऊंची कीमत के चलते यह मिलावटी घी बहुत सस्ते में तैयार हो जाता है। कमाई के लालच में कई स्थानीय निर्माता और एजेंट इस अवैध कारोबार में शामिल हैं। प्रशासन के अनुसार, यह पूरा नेटवर्क नकली रेपर बनाने वालों, सप्लायरों और एजेंटों की मिलीभगत से चल रहा है।

कलेक्टर शिवम वर्मा ने बताया कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी। मिलावटी घी तैयार करने वाले, नकली रेपर छापने वाले और सप्लायरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। विभाग ने जब्त किए गए घी के 10 नमूने जांच के लिए भेज दिए हैं।

जांच में यह भी सामने आया है कि यह घी राजस्थान के झालावाड़, कोटा, भीलवाड़ा, बांसवाड़ा और प्रतापगढ़ जैसे सीमावर्ती जिलों तक पहुंच रहा है। इस मिलावटी घी के सेवन से लोगों में लीवर और पेट संबंधी बीमारियां बढ़ने का खतरा है।

राजस्थान प्रशासन ने अब खाद्य निरीक्षण टीमों को अलर्ट पर रखा है और त्योहारी सीजन में बाजारों की निगरानी तेज करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि लोगों तक यह जहरीला घी न पहुंचे।

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