22 सितंबर से सस्ते होंगे तेल, साबुन, बिस्किट, चॉकलेट? FMCG कंपनियों के सामने स्टॉक की चुनौती

22 सितंबर से सस्ते होंगे तेल, साबुन, बिस्किट, चॉकलेट? FMCG कंपनियों के सामने स्टॉक की चुनौती
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रोजमर्रा के सामान जैसे तेल, साबुन, बिस्किट और चॉकलेट की कीमतों में 22 सितंबर से कमी की उम्मीद है, क्योंकि जीएसटी काउंसिल ने टैक्स स्लैब को घटाकर 5% और 18% कर दिया है। हालांकि, उपभोक्ताओं को सस्ते उत्पादों के लिए अक्टूबर की शुरुआत या मध्य तक इंतजार करना पड़ सकता है। FMCG कंपनियों के सामने पुराने MRP वाले स्टॉक को बेचने की चुनौती है, और वे सरकार से स्पष्ट दिशानिर्देशों का इंतजार कर रही हैं।

जीएसटी सुधारों का असर

जीएसटी काउंसिल ने चार स्लैब की जगह दो स्लैब (5% और 18%) लागू करने का फैसला किया है, जबकि सिगरेट और तंबाकू जैसी नुकसानदेह वस्तुओं पर 40% की विशेष दर होगी। इससे रोजमर्रा के करीब 400 सामान, जैसे तेल, साबुन, बिस्किट, चॉकलेट, टीवी और एयर कंडीशनर की कीमतें कम होंगी। नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी, लेकिन मौजूदा स्टॉक के कारण उपभोक्ताओं को तुरंत लाभ मिलना मुश्किल है।

FMCG कंपनियों की टेंशन

इमामी के उपाध्यक्ष और एमडी हर्षवर्धन अग्रवाल ने कहा, “हम सरकार से पुराने MRP वाले स्टॉक को बेचने के लिए दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। साथ ही, हम यह भी देख रहे हैं कि नई MRP पैकेजिंग में कितना समय लगेगा।” उन्होंने बताया कि हर कंपनी की चुनौतियां अलग हैं, जो स्टॉक और उत्पाद के प्रकार पर निर्भर करती हैं।

गोदरेज कंज्यूमर के एमडी सुधीर सीतापति ने कहा, “नए MRP वाले उत्पाद अक्टूबर की शुरुआत या मध्य तक बाजार में आएंगे। पुराने स्टॉक की वजह से शॉर्ट टर्म में कुछ रुकावटें होंगी।” उन्होंने बताया कि FMCG सेक्टर MRP व्यवस्था पर चलता है, और डिस्ट्रीब्यूटर्स के पास मौजूद पुराने स्टॉक को बेचने में समय लगेगा।

रिटेलर क्या करेंगे?

पारले प्रोडक्ट्स के उपाध्यक्ष मयंक शाह ने कहा, “उद्योग सरकार के दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहा है। खाद्य उत्पादों की बिक्री तेज होती है, लेकिन उनकी शेल्फ लाइफ कम होती है, जबकि पर्सनल केयर उत्पादों की स्थिति अलग है।” वी-मार्ट रिटेल के एमडी ललित अग्रवाल ने स्पष्ट किया कि वे पुराने MRP लेबल नहीं बदलेंगे, लेकिन अंतिम बिल पर उपभोक्ताओं को छूट देंगे।

उपभोक्ताओं को कब मिलेगा लाभ?

उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि जीएसटी दरों में कमी से खपत बढ़ेगी, लेकिन पुराने स्टॉक के कारण तुरंत कीमतें कम नहीं होंगी। सीतापति ने अनुमान लगाया कि अक्टूबर 2025 तक नए MRP वाले उत्पाद बाजार में उपलब्ध होंगे। तब तक रिटेलर छूट के जरिए उपभोक्ताओं को लाभ पहुंचा सकते हैं।

आगे क्या?

FMCG कंपनियां और उद्योग मंडल FICCI सरकार के साथ लगातार बातचीत कर रहे हैं ताकि स्टॉक प्रबंधन और नए MRP लागू करने की प्रक्रिया को आसान बनाया जा सके। उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि वे खरीदारी के समय बिल पर छूट की जांच करें, क्योंकि सस्ते उत्पाद बाजार में पूरी तरह आने में कुछ समय लगेगा।

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