तंबाकू पर और महंगा होगा कश? सरकार के नए टैक्स प्लान से टूटा ITC का शेयर

दिल्ली। तंबाकू और सिगरेट पर टैक्स को लेकर सरकार का रुख और सख्त हो सकता है। जीएसटी काउंसिल ने हाल ही में इन उत्पादों पर मौजूदा ढांचे को बरकरार रखा था, जिसमें 28% जीएसटी के साथ क्षतिपूर्ति उपकर शामिल है। लेकिन अब खबर है कि उपकर की अवधि खत्म होने के बाद सरकार 40% जीएसटी के साथ **अतिरिक्त शुल्क** लगाने की तैयारी में है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दो वरिष्ठ अधिकारियों ने संकेत दिया है कि तंबाकू उत्पादों पर कराधान मौजूदा स्तर (52% से 88% तक) बनाए रखने के लिए नए शुल्क लागू किए जा सकते हैं। यानी, उपभोक्ताओं की जेब पर और बोझ बढ़ना तय है।
इस खबर का सीधा असर शेयर बाजार में दिखा। शुक्रवार को जहां ITC और अन्य सिगरेट कंपनियों के शेयरों में तेजी रही थी, वहीं अब निवेशकों में घबराहट लौट आई है। ITC के शेयर एक फीसदी से ज्यादा फिसल गए, जबकि वीएसटी इंडस्ट्रीज भी दबाव में आ गई।
फिलहाल नवंबर-दिसंबर तक मौजूदा टैक्स स्ट्रक्चर लागू रहेगा, जब तक कि क्षतिपूर्ति उपकर से जुड़ी देनदारियाँ पूरी नहीं हो जातीं। उसके बाद नए टैक्स फॉर्मूले का ऐलान हो सकता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार के इस कदम से तंबाकू उद्योग पर दबाव बढ़ेगा, जबकि कंपनियां बढ़े हुए टैक्स का बोझ उपभोक्ताओं पर डाल सकती हैं। इससे एक ओर जहां स्वास्थ्य के लिहाज से सकारात्मक असर पड़ सकता है, वहीं दूसरी ओर निवेशकों के लिए यह चुनौतीपूर्ण साबित होगा।
👉 तंबाकू उत्पादों पर अतिरिक्त टैक्स की चर्चा ने फिलहाल कंपनियों और बाजार, दोनों की धड़कनें तेज कर दी हैं।
