पांच लाख में खरीदे थे रेडियो एक्टिव उपकरण: केमिकल डिवाइस के साथ भोपाल के दो युवक उत्तराखंड में गिरफ्तार, करोड़ों रुपये में की होनी थी डील

भोपाल में रहने वाले दो युवकों को उत्तराखंड पुलिस ने देहरादून से केमिकल डिवाइस के साथ पकड़ा गया है। दोनों युवकों के साथ दिल्ली और उत्तर प्रदेश के भी तीन युवक पकड़े गए हैं। पांचों युवकों ने उत्तराखंड पुलिस पूछताछ कर रही है। पहले भोपाल के युवकों के पास से रेडियो एक्टिव पदार्थ मिलने की सूचना के बाद दिल्ली तक दहशत मच गई। इसके बाद आनन-फानन में रेडियो एक्टिव पदार्थों की जांच के लिए परमाणु ऊर्जा से जुड़े वैज्ञानिक बुलाए जा रहे थे, इसी बीच पता चला कि यह रेडियो एक्टिव नहीं, केमिकल डिवाइस है। पुलिस इसको लेकर केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को भी सूचना दे दी है।
देहरादून पुलिस के अनुसार भोपाल के युवक ने यह केमिकल डिवाइस कहां से प्राप्त की और किसी बेचने के लिए आए थे, इसकी पड़ताल की जा रही है। बताया जाता है कि करोड़ों की डील करने भोपाल के जैद अली निवासी जहांगीराबाद और अभिषेक जैन निवासी कोलार देहरादून पहुंचे थे। केमिकल डिवाइस में रोडियो एक्टिव सब्सटेंस तो नहीं, इसकी जांच के लिए उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से रोडिएशन इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम देहरादून बुलाई गई है।
राजपुर क्षेत्र में एक फ्लैट में मिले रेडियो एक्टिव उपकरण में जांच के बाद पुलिस ने पांचों आरोपियों पर धाराएं बढ़ा दी हैं। इसके साथ ही पुलिस ने मामले में दो अन्य संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। मामले में पूर्व इनकम टैक्स अधिकारी श्वेताभ सुमन पर भी मुकदमा दर्ज किया गया है, जो अभी फरार है। आरोपी इन डिवाइस को ऊंचे दामों में बेचकर करोड़ों रुपये का मुनाफा कमाना चाहते थे। यहां आरोपी आगरा के एक आरोपी से इन डिवाइस का सौदा कर रहे थे।
बृहस्पतिवार को राजपुर क्षेत्र में आयकर विभाग के एक पूर्व अधिकारी के आवास पर रेडियोएक्टिव मेटिरियल उपकरण की खरीद-फरोख्त की डील चल रही थी। सूचना पर पुलिस ने फ्लैट से पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इस पर निर्माता का नाम बोर्ड ऑफ रेडिएशन एंड आइसोटॉप टेक्नोलॉजी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया, डिपार्टमेंट ऑफ एटॉमिक एनर्जी, बीएआरसी/बीआरआईटी, वाशी कांप्लेक्स सेक्टर 20 वाशी नवी मुंबई लिखा हुआ मिला। यहां मौके पर नरोरा एटॉमिक पावर स्टेशन की टीम और एसडीआरएफ ने भी पहुंचकर जांच की थी। इन डिवाइस को जांच के लिए भाभा एटॉमिक रिसर्च सेंटर भेजा गया। जहां शनिवार को जांच रिपोर्ट आई। इसमें खुलासा हुआ कि डिवाइस में बिना किसी मापदंड के कैमिकल का उपयोग किया गया है। इसे देखते हुए पुलिस ने आरोपियों पर धाराएं बढ़ा दी हैं।
पुलिस पूछताछ में आरोपी तबरेज आलम ने बताया कि उन्होंने 11 माह पहले सहारनपुर निवासी राशिद उर्फ समीर से रेडियो एक्टिव मेटिरियल डिवाइस पांच लाख रुपये में खरीदा था। ये डिवाइस काफी महंगी है, लेकिन राशिद को पैसों की जरूरत होने के कारण उसने वह सस्ते में बेच दिया था। इसे खरीदने के बाद तबरेज ने उसे अपने फार्म में छिपाकर रख दिया और इसे बेचने की तलाश में लग गया। इसी दौरान दिल्ली में लव मल्होत्रा नाम के व्यक्ति ने उसकी पहचान आगरा निवासी सुमित पाठक से कराई। सुमित डिवाइस खरीदने के लिए तैयार हो गया। इसके बाद उसने तबरेज को इसका सौदा करने के लिए दून में अपने किराये के मकान में बुलाया।
मकान को सुमित ने पूर्व इनकम टैक्स अधिकारी श्वेताभ सुमन से किराये पर लिया था। सुमित ने मकान मालिक श्वेताभ सुमन को इस सौदे के बारे में बताया तो श्वेताभ ने सुमित पाठक को भरोसा दिलाया कि वह काफी प्रभावशाली हैं। उसके घर पुलिस नहीं आ सकती। इसके बाद आरोपी तबरेज अपनी गाड़ी से डिवाइस को लेकर दून आ गया। तबरेज ने इस दौरान अपने और सुमित के परिचित सरवर हुसैन को सौदा करने के लिए बुलाया। सरवर अपने साथ जैद अली और अभिषेक जैन को लेकर दून आ गया। डिवाइस के इस सौदे में इन सभी का हिस्सा होना था। पांच लाख में खरीदे इस डिवाइस को करोड़ों का मुनाफा कमाने की बात थी।