मुर्गी फार्म में चल रही थी एमडी ड्रग्स फैक्ट्री, 10 किलो नशा और 100 करोड़ की सामग्री जब्त

महाराष्ट्र पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल ने राजस्थान में एमडी ड्रग्स बनाने वाली एक बड़ी फैक्ट्री का पर्दाफाश किया है। यह फैक्ट्री झुंझुनूं जिले के धनूरी थाना क्षेत्र में एक मुर्गी फार्म के भीतर संचालित की जा रही थी। कार्रवाई में करीब 10 किलो एमडी ड्रग्स, केमिकल और अत्याधुनिक मशीनें जब्त की गई हैं, जिनकी कुल कीमत लगभग 100 करोड़ रुपये आंकी गई है।
पुलिस के अनुसार फैक्ट्री पूर्व सरपंच के भतीजे अनिल सिहाग द्वारा चलाई जा रही थी। अनिल ने पूछताछ में बताया कि फैक्ट्री केवल 15 दिन पहले ही शुरू की गई थी। उसका एक साथी फैक्ट्री के लिए 50 हजार रुपये किराया देने की बात कहकर उसे इस काम में लेकर आया था।
रविवार सुबह अनिल एक किलो एमडी ड्रग्स की सप्लाई देने सीकर पहुंचा था। इसी दौरान महाराष्ट्र पुलिस की टीम ने उसे सीकर कलेक्ट्रेट के सामने गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के बाद आरोपी खुद पुलिस को झुंझुनूं के नांद का बास स्थित मुर्गी फार्म तक लेकर गया, जहां पूरी फैक्ट्री का खुलासा हुआ।
मीरा भायंदर वसई विरार पुलिस कमिश्नर निकेत कौशिक ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी अनिल सिहाग 31 वर्ष का है और झुंझुनूं जिले का निवासी है। फैक्ट्री से एमडी ड्रग्स के अलावा बड़ी मात्रा में केमिकल और मशीनें बरामद की गई हैं। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि यहां तैयार किया गया नशा अन्य राज्यों में सप्लाई किया जाना था।
जांच में यह भी सामने आया कि अनिल सिहाग पहले डोडा पोस्त तस्करी में शामिल रहा है। वह खेती करता था और 2016-17 में अपने चाचा के मुर्गी फार्म में काम करता था। इसी दौरान उसका संपर्क सुभाष जाट से हुआ, जो नीमच से डोडा पोस्त लाकर सप्लाई करता था। अनिल ने उसके साथ कई बार तस्करी की और बाद में खुद भी यह काम करने लगा। एक मामले में वह पहले जेल भी जा चुका है।
पूछताछ में अनिल ने बताया कि बिज्जू उर्फ जग्गा नाम के व्यक्ति ने एमडी ड्रग्स बनाने के लिए सुनसान जगह की जरूरत बताकर उसे मुर्गी फार्म देने के लिए राजी किया। बिज्जू ने कहा था कि ड्रग्स बनाने के दौरान तेज बदबू आती है, इसलिए आबादी से दूर जगह जरूरी है। लालच में आकर अनिल ने फैक्ट्री लगाने की अनुमति दे दी।26 नवंबर 2025 को बिज्जू हरियाणा नंबर की स्विफ्ट कार में केमिकल और अन्य सामान लेकर मुर्गी फार्म पहुंचा। मुर्गियों के दाने रखने वाले खाली कमरे में एमडी ड्रग्स बनाने का काम शुरू किया गया। फैक्ट्री महज 15 दिन से संचालित हो रही थी।
14 दिसंबर को एक किलो एमडी ड्रग्स की सप्लाई देने के लिए अनिल सीकर आया, जहां महाराष्ट्र पुलिस ने उसे पकड़ लिया। पूछताछ के दौरान अनिल ने अपने साथी बिज्जू को बुलाने की कोशिश की, लेकिन वह मौके से कार भगाकर फरार हो गया।पुलिस के अनुसार इस पूरे ऑपरेशन की शुरुआत 4 अक्टूबर को हुई थी। एक अन्य कार्रवाई के दौरान राजस्थान में एमडी ड्रग्स फैक्ट्री होने की सूचना मिली थी, जिसके बाद लगातार निगरानी कर यह बड़ी कार्रवाई की गई। फिलहाल पुलिस फरार आरोपी की तलाश कर रही है और पूरे नेटवर्क की जांच जारी है।
