साइबर ठगी का नेटवर्क बेनकाब, तीन युवक गिरफ्तार: गरीब लोगों से म्यूल बैंक अकाउंट खुलवाकर देशभर में साइबर फ्रॉड, 4 करोड़ 50 लाख के लेन-देन के सबूत मिले

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राजस्थान के सीमावर्ती जिले श्रीगंगानगर में पुलिस ने करोड़ों रुपए की साइबर ठगी करने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। यह नेटवर्क गरीब और भोले-भाले लोगों के नाम पर म्यूल बैंक अकाउंट खुलवाकर देशभर में साइबर फ्रॉड को अंजाम देता था। पुलिस ने इस गिरोह की निचली कड़ी से जुड़े तीन युवकों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपियों में चंद्रकुमार बंसल (29), संदीप चौहान (25) और दीपक (25) शामिल हैं, जो श्रीगंगानगर के ही विभिन्न इलाकों के निवासी हैं। पुलिस टीम ने तीनों को जवाहरनगर थाना क्षेत्र में दो क्रेटा गाड़ियों में पकड़ा। तलाशी में उनके कब्जे से 21 लाख रुपए नकद, 21 किलो 514 ग्राम चांदी, दो लग्जरी गाड़ियां, 90 चेक बुक, 13 पासबुक, 64 डेबिट कार्ड, 44 सक्रिय सिम, कई आधार और पैन कार्ड, 12 रबर मोहरें, 23 बिल बुकें, एक लैपटॉप, फर्जी कंपनियों की जीएसटी मोहरें सहित बड़ी मात्रा में दस्तावेज जब्त किए गए।
पुलिस अधीक्षक डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि आरोपी चंद्रकुमार हवाला, ऑनलाइन गेमिंग और फर्जी खातों से जुड़े लेन-देन को संभालता था। संदीप और दीपक गरीब व्यक्तियों से बैंक खाते खुलवाते थे। पहले उनके नाम से सिम कार्ड बनवाए जाते, फिर इन्हें बैंक खाते से लिंक किया जाता और अकाउंट से संबंधित पूरी किट चंद्रकुमार को सौंप दी जाती। शुरू में खाते खुलवाने वाले लोगों को 10 से 15 हजार रुपए का लालच दिया जाता था, लेकिन बाद में रकम बढ़ाकर 50 हजार रुपए तक कर दी गई।
डॉ. दुहन के अनुसार आरोपियों ने हाल के महीनों में बड़ी संख्या में म्यूल बैंक अकाउंट खुलवाए और इन्हें बड़े साइबर ठगों तक पहुंचाया। विभिन्न राज्यों में हुई साइबर ठगी में हड़पी गई राशि इन खातों में जमा होती थी, जिसे यह गिरोह एटीएम से निकालता या अन्य खातों में ट्रांसफर कर देता था।
जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों में से एक के खाते में लगभग 4 करोड़ 50 लाख रुपए के संदिग्ध लेन-देन मिले हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गिरोह किस बड़े पैमाने पर साइबर फ्रॉड में शामिल था। पुलिस ने कहा कि यह नेटवर्क सिर्फ खातों की व्यवस्था तक सीमित नहीं था, बल्कि ठगी की कमाई के बड़े चैनल का हिस्सा था।
