तंत्र मंत्र के चलते दोस्त बना हत्यारा, शराब पिला कर बेरहमी से किया कत्ल

जमशेदपुर, : झारखंड के औद्योगिक नगरी जमशेदपुर में अंधविश्वास का एक ऐसा काला अध्याय लिखा गया, जिसने पूरे इलाके को सिहरा दिया। गोलमुरी थाना क्षेत्र के गाढ़ाबासा में सोमवार रात एक युवक ने अपने ही दोस्त को तंत्र-मंत्र की सिद्धि हासिल करने के लिए बेरहमी से गला काटकर हत्या कर दी। मृतक की पहचान 20 वर्षीय अजय उर्फ झंटू के रूप में हुई है, जो स्थानीय हार्डवेयर स्टोर में काम करता था। आरोपी संदीप कुमार को पुलिस ने मौके पर ही दबोच लिया है।
शाम की महफिल से आधी रात का खौफनाक कत्ल
पुलिस जांच के अनुसार, सोमवार शाम को संदीप ने अपने दोस्त अजय को अपने कमरे पर बुलाया और उसे शराब पिलाई। नशे की गहराई में डूबे अजय को शायद यह अहसास भी न हुआ होगा कि उसका दोस्त उसके लिए मौत का पैगाम लेकर आया है। आधी रात के आसपास, जब अजय बेहोश-सा हो गया, संदीप ने एक धारदार हथियार से उसका गला रेत दिया। खून से लथपथ अजय की चीखें सुनकर पड़ोसी जाग उठे और स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी।
गोलमुरी थाने के एक अधिकारी ने बताया, "प्रारंभिक जांच में पता चला है कि आरोपी संदीप तंत्र विद्या की सिद्धि पाने के चक्कर में था। वह मानता था कि नरबलि देकर वह अपनी तांत्रिक शक्तियां मजबूत कर लेगा।" कुछ रिपोर्ट्स में यह भी उल्लेख है कि संदीप को शक था कि अजय ही उसके ऊपर काला जादू कर रहा है, जिसके चलते यह खौफनाक कदम उठाया गया।
इलाके में सनसनी, पुलिस ने की सख्ती
इस घटना ने गाढ़ाबासा और आसपास के इलाकों में दहशत फैला दी है। सुबह होते ही स्थानीय लोग मौके पर जमा हो गए, जहां पुलिस ने फोरेंसिक टीम के साथ साक्ष्य संग्रह किया। संदीप को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है, और उसके कमरे से बरामद हथियार को सबूत के तौर पर जब्त कर लिया गया है। मृतक अजय के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है।
अधिकारी ने आगे कहा, "यह अंधविश्वास का जहर समाज को खोखला कर रहा है। हम लोगों से अपील करते हैं कि ऐसी कुप्रथाओं से दूर रहें और संदिग्ध गतिविधियों की सूचना पुलिस को दें।" संदीप के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है, और आगे की कार्रवाई जारी है।
तंत्र-मंत्र का बढ़ता प्रकोप: एक चेतावनी
झारखंड जैसे राज्यों में तंत्र-मंत्र और काला जादू के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो शिक्षा और जागरूकता की कमी को उजागर करते हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी इलाकों में यह समस्या गहरी जड़ें जमा चुकी है। इस घटना ने एक बार फिर सवाल खड़े किए हैं कि क्या समय रहते समाज को इस अंधेरे से उबार पाया जा सकता है?
