बंगलूरू में अमेरिकी नागरिकों को ठगने वाली फर्जी सॉफ्टवेयर कंपनी पर बड़ी कार्रवाई, 21 गिरफ्तार

बंगलूरू |बंगलूरू में संचालित एक फर्जी सॉफ्टवेयर कंपनी पर साइबर पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। इस कंपनी के 21 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया है, जो अमेरिका के नागरिकों को ठगने के आरोप में पकड़े गए। पुलिस का कहना है कि ये लोग खुद को माइक्रोसॉफ्ट के टेक्निकल सपोर्ट स्टाफ के रूप में पेश करके विदेशी नागरिकों से धोखाधड़ी कर रहे थे। कार्रवाई साइबर कमांड की स्पेशल सेल और व्हाइटफील्ड साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन द्वारा संयुक्त रूप से की गई।
पुलिस के अनुसार, जानकारी मिलने के बाद सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया। जांच से पता चला कि ये कंपनी शुरू से ही धोखाधड़ी में शामिल थी। कंपनी का नाम ‘मस्क कम्युनिकेशंस’ है, जो करीब 4,500 वर्ग फीट के ऑफिस से संचालित हो रही थी। यह कंपनी अगस्त 2025 में शुरू की गई थी और धीरे-धीरे विदेशी नागरिकों को निशाना बनाकर ठगी का जाल फैलाया गया।
दो दिन चली छापेमारी
पुलिस ने कोर्ट से सर्च वारंट लेने के बाद शुक्रवार और शनिवार को व्हाइटफील्ड स्थित ऑफिस पर छापेमारी की। टीम में साइबर कमांड की तकनीकी टीम, साइबर सुरक्षा विश्लेषक और आसपास के साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के अधिकारी शामिल थे। यह अभियान डीजीपी डॉ. प्रोनब मोहंती के निर्देशन में चलाया गया। पुलिस के अनुसार, कंपनी में काम कर रहे 21 कर्मचारी सीधे तौर पर ठगी में शामिल पाए गए और उन्हें मौके से ही हिरासत में लेकर गिरफ्तार किया गया।
इलेक्ट्रॉनिक सबूत बरामद
छापेमारी के दौरान पुलिस ने कई कंप्यूटर सिस्टम, डिजिटल डिवाइस, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सबूत जब्त किए। पुलिस का कहना है कि पूरी रात चली तलाशी और सीजर महाजर 15 नवंबर सुबह 11 बजे तक जारी रही। शुरुआती जांच में पता चला है कि आरोपी माइक्रोसॉफ्ट टेक्निकल सपोर्ट का झूठा परिचय देकर विदेशी नागरिकों को एक्सेस देते थे, उनसे सिस्टम संबंधी समस्याओं का हवाला देकर भुगतान वसूलते थे।
फरार आरोपियों की तलाश
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। इसके साथ ही इस गिरोह से जुड़े अन्य लोगों की तलाश जारी है, जो छापेमारी के दौरान मौके से फरार हो गए। जब्त किए गए डिजिटल सबूतों की फॉरेंसिक जांच भी चल रही है, ताकि ठगी के नेटवर्क, विदेशी पीड़ितों की संख्या और लेन-देन की जानकारी साफ हो सके। पुलिस का कहना है कि यह मामला बड़े साइबर फर्जीवाड़े की ओर संकेत करता है।
साइबर पुलिस की चौकसी
पुलिस का कहना है कि साइबर अपराध बढ़ने के साथ ऐसे फर्जी कॉल सेंटर और तकनीकी सहायता के नाम पर चल रहे ठगी नेटवर्क पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। बंगलूरू में पहले भी ऐसे कई गिरोह पकड़े जा चुके हैं, लेकिन इस ऑपरेशन में पकड़ी गई कंपनी का नेटवर्क संगठित और तकनीकी रूप से मजबूत बताया जा रहा है। पुलिस ने लोगों को भी सतर्क रहने की सलाह दी है, खासकर ऐसे किसी कॉल या मैसेज से जहां तकनीकी सहायता के नाम पर पैसे मांगे जाते हैं।
