साइबर ठगी का नया जाल, डीलरशिप-फ्रैंचाइजी के नाम पर हो रही लाखों की लूट

साइबर ठगी का नया जाल, डीलरशिप-फ्रैंचाइजी के नाम पर हो रही लाखों की लूट
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राजस्थान पुलिस ने हाल ही में एक नई साइबर ठगी की प्रवृत्ति को लेकर चेतावनी जारी की है। साइबर अपराधी अब खुद को बड़े और भरोसेमंद व्यापारिक ब्रांड्स के प्रतिनिधि बताकर लोगों को फर्जी डीलरशिप या फ्रैंचाइजी दिलाने का झांसा दे रहे हैं। इन ठगों का तरीका बेहद सुनियोजित है—वे आकर्षक ऑफर दिखाकर शिकार को रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी डिपॉजिट या एनओसी शुल्क के नाम पर पैसे भेजने के लिए मजबूर करते हैं। जैसे ही रकम ट्रांसफर होती है, वे तुरंत संपर्क तोड़कर गायब हो जाते हैं।

राजस्थान पुलिस का अलर्ट

पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा के निर्देश पर साइबर क्राइम शाखा के अतिरिक्त महानिदेशक वी.के. सिंह के नेतृत्व में जारी इस अभियान के तहत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लोगों को सतर्क किया गया है। उपमहानिरीक्षक विकास शर्मा ने बताया कि अपराधी खुद को कंपनी का वरिष्ठ अधिकारी बताकर सीमित अवसरों का हवाला देते हैं और जल्दबाजी का माहौल बनाते हैं। कई पीड़ित तब तक ठगी का शिकार हो चुके होते हैं जब तक उन्हें सच का एहसास होता है।

झुंझुनू में पकड़ा गया फर्जी फ्रैंचाइजी गैंग

जनवरी 2025 में झुंझुनू कोतवाली पुलिस ने आधार कार्ड फ्रैंचाइजी के नाम पर ठगी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। यह गिरोह राजस्थान के बाहर के लोगों को निशाना बनाकर लाखों रुपये ऐंठ चुका था।

ठगों का तरीका

* संपर्क मोबाइल कॉल, ईमेल या सोशल मीडिया से

* आकर्षक स्कीम और जल्दी कमाई का लालच

* सीमित अवसर बताकर तुरंत निर्णय का दबाव

* फीस या सिक्योरिटी डिपॉजिट के नाम पर बैंक खाते में पैसे जमा करवाना

* रकम मिलते ही संपर्क तोड़ देना

साइबर ठगी से बचाव के उपाय

1. डीलरशिप या फ्रैंचाइजी की जानकारी हमेशा कंपनी की आधिकारिक वेबसाइट से ही लें।

2. सोशल मीडिया या अनजान विज्ञापनों पर भरोसा न करें।

3. कॉल करने वाले के नाम, पद और आईडी की पुष्टि करें।

4. केवल कंपनी के नाम वाले आधिकारिक ईमेल और खाते से ही लेन-देन करें।

5. शक होने पर सीधे कंपनी के कार्यालय जाकर जांच करें।

6. किसी भी ऑफर को यदि बहुत ज्यादा फायदेमंद बताया जाए, तो उसे ठगी मानें।

राजस्थान पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि ऐसे मामलों में तुरंत 1930 पर कॉल करें या [www.cybercrime.gov.in](http://www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज करें, ताकि अपराधियों पर शीघ्र कार्रवाई हो सके।

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